खाद व उर्वरकों की बढ़ती मांग के बीच नकली खाद और बीज बेचने वालों के खिलाफ कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल (kamal patel) रियायत बरतने के मूड में नहीं है। अब तक 28 लायसेंस निलंबित किए जा चुके हैं जबकि 21 लायसेंस निरस्त हो चुके हैं। खाद, बीज के अवैध भंडारण, परिवहन और मिलावट को लेकर 20 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी हैं जिससे मुनाफाखोरों में हड़कंप मच गया है, वहीं किसानों को राहत मिली है। इतना ही नहीं, अब कृषि मंत्री (agriculture minister) ने ये भी निर्देश दिए हैं कि नकली बीज बेचकर किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
कृषि मंत्री कमल पटेल के निर्देश पर खेतों में हल बख्खर चलना शुरू हुए उधर खाद बीज के मिलावटखोरों, जमाखोरों और मुनाफाखोरों पर कानून का डंडा चलना शुरू हो गया। कृषि विभाग का अमला स्टॉक लिमिट, निर्धारित दर से ज्यादा बेचने, मिलावटखोरों सहित अवैध रूप से खाद का विक्रय करने वालो के खिलाफ अभियान चलाए हुए है, धड़ाधड़ एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही की जा रही है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि अब तक 10 जिलो में 20 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। इंदौर में मैसर्स प्लेस्टो वायो क्रॉप सहित अन्य कंपनियों और फर्मों पर भी अवैध रूप से खाद के भंडारण और विक्रय का मामला दर्ज हुआ है। खरीफ फसलों की बोवनी के साथ ही एक्शन मोड में आये कृषि मंत्री कमल पटेल ने खाद के अवैध भंडारण, अमानक एवं बिना दस्तावेज के अवैध रूप से ऊंचे दाम पर खाद बेचने वाले, ब्लेकमार्केटिंग करने वाली निजी संस्थाओं, निजी कृषि सेवा केंद्रों, और निजी सहकारी संस्थाओं के खिलाफ भी मुहिम शुरू की है, लगातार सर्वेक्षण और निरीक्षण कर गड़बड़ी का पता लगाकर कार्रवाई की जा रही है। अब तक 14 जिलो में 28 संस्थाओं के पंजीयन निलंबित कर दिए गए हैं इसके साथ ही 21 संस्थाओं और व्यक्तियों के पंजीयन निरस्त किए गए हैं। कृषि मंत्री कमल पटेल के एक्शन को देखते हुए खाद का अवैध कारोबार करने वालो में हड़कंप का माहौल है। कई मिलावटखोर और खाद का अवैध व्यापार करने वाले अब बाजार में दिखाई नही दे रहे। कृषि मंत्री कमल पटेल की इस पूरी कार्यवाही से किसानों में खुशी की लहर है, किसानों तक यूरिया की उपलब्धता आसान हो गई है और वह लूटपाट का शिकार होने से भी बच गये हैं। कृषि मंत्री कमल पटेल ने फिर दोहराया है कि किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे, ऐसे तत्वों के खिलाफ रासुका (NSA) के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।