मोमबत्ती नहीं पत्थर लेकर निकाला मार्च, हाथरस की घटना का विरोध

बैतूल, वाजिद खान। सरकार ने लाख कानून बनाए, सामाजिक संगठनों ने कितने जागरूकता अभियान चलाए लेकिन लड़कियों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की घटनाओं में कोई कमी नहीं आ रही है। बल्कि अपराधियों के हौंसले दिनोंदिन इतने बुलंद होते जा रहे हैं कि वो लड़कियों के साथ दुष्कर्म के बाद उनके साथ बेरहमी की सारी हदें पार कर रहे हैं। हाथरस में हुई घटना को लेकर देशभर में आक्रोश है। जगह-जगह इस घटना को लेकर विरोध जताया जा रहा है, बैतूल में भी लड़कियों ने अलग अंदाज़ में इस घटना को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया।

आमतौर पर किसी घटना के विरोध में ज्ञापन सौंपा जाता है या कैंडल मार्च किया जाता है, लेकिन बैतूल में हाथरस की घटना पर महिलाओं ने कुछ अलग ढंग से विरोध जताया। ये हाथों में पत्थर लेकर सड़क पर उतर आईं। मोमबत्ती की बजाय इनके हाथों के पत्थर साफ जाहिर कर रहे थे कि अब महिलाओं के सब्र का बांध टूट चुका है और ऐसी घटनाओं पर वो कड़े रवैये के साथ सामने आ गई हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।