Damoh News: जिला अस्पताल में जमकर हुआ बवाल, हिंदू संगठनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप

कल यानी शुक्रवार को दो पक्षो में बस स्टैंड पर जमकर बवाल हुआ था। यहां बड़ी संख्या में दो पक्ष के लोग आमने-सामने आए और डंडे लाठियां तलवारे तक चली। इस विवाद में तीन गंभीर घायल हुए थे, जिनमें एक गर्भवती महिला भी थी।

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Damoh News: दमोह से एक की बड़ी ख़बर सामने आई है। जहां जिला अस्पताल में जमकर बवाल हुआ है। इस बवाल के बाद जिले के आला अफसरों को मोर्चा संभालना पड़ा है। जिला अस्पताल के बाहर हिंदूवादी संगठनो ने अस्पताल प्रबन्धन के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान संगठन ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में गरीबो के साथ न्याय नहीं हो रहा है। संगठन के लोग एक महिला को समुचित इलाज न मिल पाने से नाराज है।

समुचित इलाज ना करने का लगाया आरोप

दरअसल, कल यानी शुक्रवार को दो पक्षो में बस स्टैंड पर जमकर बवाल हुआ था। यहां बड़ी संख्या में दो पक्ष के लोग आमने-सामने आए और डंडे लाठियां तलवारे तक चली। इस विवाद में तीन गंभीर घायल हुए थे, जिनमें एक गर्भवती महिला भी थी। घायलों को जिला अस्पताल लाया गया और इलाज दिया गया। लेकिन हिन्दू संगठन के लोगो का आरोप है कि एक वर्ग विशेष के लोगों के हमले में घायल हुए गर्भवती महिला को समुचित इलाज नहीं दिया गया और शनिवार को मामले ने तूल पकड़ लिया।

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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।