फिर शर्मसार हुई राजधानी, शादीशुदा महिला से बालात्कार, केस दर्ज

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश भर में महिला सुरक्षा को लेकर मुद्दा गर्माया हुआ है। उत्तरप्रदेश के हाथरस में हुई गैंगरेप की घटना के बाद भी रोज देश के कई राज्यों से रेप और गैंगरेप की वारदात सामने आ रही हैं। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी दुष्कर्म के मामले है कि थमने का नाम नहीं ले रहे है। शहर के आशोका गार्डन थाना क्षेत्र से एक दुष्कर्म का मामला सामने आया है, जिसमें एक शादीशुदा महिला के साथ ज्यादती की गई है। पहले तो आरोपी शादीशुदा औरत जो कि 23 साल की है उसके साथ दुष्कर्म करता रहा और उसके बाद जब वो प्रेगनेंट हो गई तो उसे जबरदस्ती अबॉर्शन की दवाई खिला दी, वहीं अपने साथ हुए अत्याचार को लेकर मुंह खोलने पर आरोपी ने पीड़िता को जान से मारने की धमकी भी दी। अपने साथ हुई ज्यादती के परेशान होकर पीड़िता आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

वहीं पुलिस का कहना है कि पीड़िता युवती जिसकी उम्र 23 साल है वो अपने पति के साथ मिसरोद में रहती है। वहीं उसका पति एक कोरियर कंपनी में कार्यरत है। वहीं लड़की एमपी नगर में एक प्राइवेट फर्म में जॉब करती है। पीड़िता ने बताया कि साल 2016 में उसकी मुलाकात हर्षित सोनी, जोकि अशोका गार्डन की सुभाष कॉलोनी में रहता था। पीड़िता को आरोपी का नंबर किसी ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए दिया था। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरु हो गया। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने उसे 8 मार्च 2016 को लाइसेंस बनवाने के पर्पस से अशोका गार्डन बुलाया था, पेपर साइन कराने के बहाने से आरोपी पीड़िता को एक कमरे में ले गया। आरोपी ने पीड़िता को बताया कि ये कमरा उसके दोस्त का है और वो किसी काम से बाहर गया है तो हम अपना काम यहा कर सकते है, जिसके बाद आरोपी ने पीड़िता के साथ उस कमरे में दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया और इसी दौरान उसने पीड़िता की कुछ तस्वीरें ले ली, जिसको दिखा कर बार बार आरोपी पीड़िता को ब्लैकमैल कर रहा था। पुलिस ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपी के खिलाफ जांच शुरु कर दी है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।