निर्वाचन के लिए अधिसूचना जारी, पहले दिन नामांकन भरने में किसी प्रत्याशी ने नहीं दिखाई रुचि

MP Cooperative Election

ग्वालियर, अतुल सक्सेना । प्रदेश में 28 सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों (mp byelection 2020) के लिए भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India)  द्वारा निर्धारित विधानसभा उप निर्वाचन कार्यक्रम के तहत ग्वालियर जिले के तीनों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों से सदस्य चुनने के लिये 9 अक्टूबर को निर्वाचन की अधिसूचना जारी कर दी। लेकिन पहले दिन किसी भी विधानसभा क्षेत्र के लिये नाम-निर्देशन पत्र प्राप्त नहीं हुआ।

गौरतलब है कि सार्वजनिक अवकाश होने की वजह से 10 व 11 अक्टूबर को नामांकन (Enrollment)  का सिलसिला बंद रहेगा। अभ्यर्थी अथवा उनके प्रस्तावक 12, 13, 14, 15 व 16 अक्टूबर को प्रात: 11 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक संबंधित रिटर्निंग अधिकारी अथवा सहायक रिटर्निंग अधिकारी को नामांकन प्रस्तुत कर सकेगें। तीनों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों (Three assembly constituencies) के लिये प्राप्त हुए नाम-निर्देशन पत्रों की संवीक्षा (जाँच) की कार्यवाही शनिवार 17 अक्टूबर को प्रात: 11 बजे से कलेक्ट्रेट के प्रथम तल पर स्थित स्व. टी धर्माराव मेमोरियल हॉल में की जायेगी। अभ्यर्थिता वापस लेने की सूचना (Candidate withdrawal notice) सोमवार 19 अक्टूबर को अपरान्ह 3 बजे तक दी जा सकेगी। इसके बाद चुनाव चिन्हों का आवंटन (Allocation of election symbols) किया जायेगा।
इन रिटर्निंग अधिकारियों ने जारी की निर्वाचन की सूचना


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।