राजमाता के जन्म शताब्दी पर पीएम जारी करेंगे 100 रुपये का सिक्का, ग्वालियर में सीएम होंगे शामिल

lokendra parashar in gwalior

ग्वालियर,अतुल सक्सेना। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की वरिष्ठ नेत्री राजमाता विजयाराजे सिंधिया (Senior Leader Rajmata Vijayaraje Scindia) के जन्म शताब्दी समारोह (Birth Centenary Celebration) का समापन 12 अक्टूबर को उनकी जयंती के अवसर पर होगा। ग्वालियर में यह कार्यक्रम चेतकपुरी रोड स्थित बंधन गार्डन में प्रातः 9ः30 बजे आयोजित किया जायेगा जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं पूर्व राज्यसभा सांसद प्रभात झा मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगे। यह जानकारी भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर (State media incharge Lokendra Parashar) ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान दी।

मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर (State media incharge Lokendra Parashar) ने बताया कि राजमाता जी के जन्म शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम प्रदेश में तीन स्थानों भोपाल, ग्वालियर और इंदौर में आयोजित किये जा रहे हैं। ग्वालियर (gwalior) में होने वाले आयोजन में सम्मिलित होने के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chouhan) का आगमन सुबह 9 बजे होगा। मुख्यमंत्री सबसे पहले राजमाता की छत्री पर जाएंगे, यहां वे राजमाता की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके पश्चात बंधन गार्डन में होने वाले कार्यक्रम में पहुंचेंगे।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।