भोपाल| कांग्रेस-जदएस गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफों से संकट में घिरी कर्नाटक सरकार खुद को बचाने में लगी है| वहीं कांग्रेस हाईकमान ने इस संकट को देखते हुए अपने स���से भरोसेमंद नेताओं को मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी दी है| मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद शनिवार शाम बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे और रविवार तक वहीं रहेंगे।
कमलनाथ गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं| राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद पार्टी पहले ही मुश्किल दौर से गुजर रही है, ऐसे हालातों मे कांग्रेस को कर्नाटक और गोवा में बड़ा झटका लगा है| जल्द ही पार्टी इस संकट से सुलझना चाहती है, ताकि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भी फैसला हो सके| इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्नाटक और गोवा के सियासी संकट के बीच भोपाल में सभी विधायकों को एक साथ डिनर पर लाकर एकजुटता का सन्देश देने की कोशिश की है| जिसके चलते देश भर में यह सन्देश गया कि बीजेपी के दावों से दबाव में न आते हुए भी सरकार मजबूती से चल रही है| इससे कमलनाथ पर हाई कमान का भरोसा बढ़ा है, इसीलिए अब उन्हें कर्नाटक में स्तिथि संभालने का जिम्मा सौंपा गया है| हालाँकि तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच स्तिथि को संभाल पाना चुनौती होगी|