अपने ही मंत्रियों के कामों से नाखुश कांग्रेस संगठन

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भोपाल। अल्पसंख्यक हितैषी होने का तमगा अपने साथ लगाए कांग्रेस को अब अपने ही लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। लगातार हो रही उपेक्षा से जहां संगठन के सामने कशमकश के हालात बनने लगे हैं, वहीं कार्यकर्ताओं की अपेक्षाएं पूरी न होने से उनमें नाराजगी पनपने लगी है। अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष ने इन स्थितियों को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्रियों को पत्र लिखा है।

प्रदेश में कांग्रेस सरकार के वजूद में आने के बाद अल्पसंख्यक समुदाय को इस बात की उम्मीद थी कि उनकी अपेक्षाओं को अब रफ्तार मिल सकेगी। लेकिन सरकार के छह माह बीत जाने के बाद लगातार उपेक्षित यह समुदाय अब कसमसाने भी लगा है और उचित मंच पर अपनी बात पहुंचाने से भी नहीं चूक रहा है। कुछ महीनों पहले प्रदेश की हाईकोर्ट और जिला अदालतों में हुईं नियुक्तियों के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय को पूरी तरह से दरकिनार किया गया है। जबकि प्रदेशभर की अदालतों में मुस्लिम और अल्पसंख्यक समुदाय के वकीलों की बड़ी तादाद मौजूद है। इसके बाद हाल ही में जनसंपर्क विभाग द्वारा बनाई गईं विभिन्न समितियों में भी यही हालात बने हैं। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में मुस्लिम पत्रकारों की सीनियरटी और उनके कामों को रेखांकित किया जाता है लेकिन इन समितियों में इक्का-दुक्का मुस्लिम पत्रकारों को ही शामिल किया गया है। हद यह है कि राजधानी भोपाल के प्रतिष्ठित अखबारों में बरसों से सेवाएं दे रहे कई नामवर पत्रकार भी इन समितियों में जगह नहीं पा सके हैं। इस स्थिति को लेकर उनमें नाराजगी भी है और आने वाले दिनों में इनसे सरकार विरोधी खबरों के हालात भी बन सकते हैं


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