भोपाल। पुलिस महकमे में तबादला आदेश के बाद भी नवीन पदस्थापना वाले स्थान पर आमद नहीं देने वाले पुलिस कर्मियों में पीएचक्यू के नए आदेश के बाद हड़कंप मच गया है। पीएचक्यू ने सभी पुलिस अधीक्षकों को तबादला आदेश पर 18 अक्टूबर तक अमल करने के आदेश दिए थे।
पीएचक्यू के संज्ञान में यह मामला आया कि तबादला होने के बाद भी कई पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी नेता, मंत्री और अफसरों की सिफारिश पर सालों से एक ही स्थान पर जमे हैं। सिफारिश के चलते पुलिस अधीक्षकों ने उन्हें रिलीव भी नहीं किया। पुलिस मुख्यालय ने 14 अक्टूबर को चार दिन के भीतर ऐसे सभी स्थानांतरण आदेशों के पालन पर सख्ती दिखाई तो करीब 90 फीसदी पुलिसकर्मियों को संबंधित इकाइयों ने कार्यमुक्त कर दिया।
बताया जा रहा है कि कार्यमुक्त होने वाले पुलिसकर्मियों की पदस्थापनाओं में न तो संशोधन किया गया है और जो कार्यमुक्त नहीं हुए, उनके आदेश निरस्त भी नहीं किए गए हैं। पुलिस मुख्यालय द्वारा सिपाही से लेकर निरीक्षक तक के स्थानांतरण किए जाते हैं। तबादला आदेश जारी होने के बाद पीएचक्यू में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि तबादला आदेशों में से किस पुलिसकर्मी को स्थानांतरित इकाई से कार्यमुक्त किया गया व किसे नहीं किया गया। पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय में कार्य विभाजन में बदलाव के बाद प्रशासन शाखा के नए प्रमुख एडीजी कैलाश मकवाना ने पुराने स्थानांतरण आदेशों पर सख्ती से अमल कराने के लिए सभी इकाइयों के प्रमुखों को 14 से 18 अक्टूबर के बीच स्थानांतरित पुलिसकर्मियों को कार्यमुक्त करने की समयसीमा दी।