कई मशहूर कार ब्रांड्स ने विमान इंजन बनाने में भी अपनी पहचान बनाई है। Rolls-Royce इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। यह ब्रांड लग्जरी कारों के साथ-साथ विमान इंजन भी बनाता है। इसका ट्रेंट सीरीज इंजन दुनिया भर के बड़े हवाई जहाजों में इस्तेमाल होता है।
Honda भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं है। इसने HF120 जेट इंजन बनाया, जो छोटे बिजनेस जेट्स में लगता है। Fiat ने भी इतिहास में विमान इंजन बनाए हैं। 1950 के दशक में Fiat ने टर्बिना नाम का एक जेट इंजन बनाया था, जो उस समय की बड़ी उपलब्धि थी। इन ब्रांड्स ने अपनी कारों की तकनीक को हवाई जहाजों तक पहुंचाया। यह मेल इंजीनियरिंग की मिसाल है। इनके इंजनों ने हवाई यात्रा को सुरक्षित और तेज बनाया है।
Rolls Royce लक्ज़री के साथ जमीन से आसमान तक का भरोसा
Rolls Royce अपनी लग्जरी कारों के लिए मशहूर है, लेकिन इसकी असली ताकत विमान इंजन में दिखती है। इसका ट्रेंट 1000 इंजन Boeing 787 ड्रीमलाइनर में इस्तेमाल होता है। यह इंजन हल्का और ईंधन की बचत करने वाला है। कंपनी ने 1960 से हवाई जहाजों के लिए इंजन बनाना शुरू किया। इसके इंजन दुनिया भर के 40% बड़े हवाई जहाजों में लगे हैं। यह तकनीक हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाती है। हालांकि, 12 जून 2025 को अहमदाबाद में Boeing 787 का हादसा हुआ, जिसने इसके इंजन की जांच पर सवाल खड़े किए। फिर भी, Rolls Royce की तकनीक भरोसेमंद मानी जाती है।
Honda और Fiat का कार मेकर्स से एयरोस्पेस इनोवेटर बनने का सफर
Honda ने कारों के साथ-साथ छोटे जेट्स के लिए इंजन बनाए हैं। इसका HF120 इंजन हल्के जेट्स में इस्तेमाल होता है। यह इंजन 2,000 पाउंड तक का जोर देता है और ईंधन की खपत कम करता है। Honda ने इस क्षेत्र में 2000 के दशक में कदम रखा। दूसरी ओर, Fiat ने 1950 के दशक में टर्बिना इंजन बनाया। यह इंजन उस समय की नई खोज था। Fiat ने सैन्य हवाई जहाजों के लिए भी इंजन बनाए। दोनों ब्रांड्स ने अपनी कारों की तकनीक को हवाई क्षेत्र में इस्तेमाल किया। इनके इंजनों ने हवाई यात्रा को नया आयाम दिया।





