इलेक्ट्रिक स्कूटर अब सिर्फ फ्लैट सड़कों के लिए नहीं हैं। 2025 में बढ़ते क्रेज के साथ कंपनियां ऐसे स्कूटर ला रही हैं, जो पहाड़ी रास्तों पर भी चल सकें। लेकिन हर स्कूटर ऐसा नहीं कर सकता। चढ़ाई चढ़ने के लिए मोटर की पावर, बैटरी की क्षमता और टायर का ग्रिप जरूरी है। ज्यादातर स्कूटर 15-20 डिग्री की चढ़ाई आसानी से पार कर लेते हैं, लेकिन ढलान ज्यादा हो तो खास स्कूटर चाहिए।
पहाड़ी रास्तों पर इलेक्ट्रिक स्कूटर की असली टेस्टिंग होती है। नए मॉडल्स, जैसे बजाज चेतक 35 सीरीज और सिंपल वन जेन 1.5, ज्यादा पावर वाली मोटर और बेहतर बैटरी के साथ आते हैं। उदाहरण के लिए, बजाज चेतक 3501 में 3.5 kWh बैटरी और मजबूत फ्रेम है, जो चढ़ाई पर स्थिरता देता है। NDS ECO मोटर्स का लेटेस्ट स्कूटर 218 किमी रेंज देता है और हाई टॉर्क के साथ ढलान पर दम दिखाता है। लेकिन राइडर का वजन, सवारी की संख्या और रास्ते की हालत भी परफॉर्मेंस पर असर डालते हैं। कमजोर मोटर वाले स्कूटर चढ़ाई पर बैटरी जल्दी खर्च कर सकते हैं।

पहाड़ी रास्तों के लिए बेस्ट स्कूटर
पहाड़ी रास्तों के लिए स्कूटर चुनते वक्त कुछ खास बातें ध्यान रखनी पड़ती हैं। 500W से ज्यादा पावर वाली मोटर और हाई टॉर्क जरूरी है। सिंपल वन जेन 1.5 में 248 किमी रेंज और मजबूत मोटर है, जो चढ़ाई पर शानदार काम करती है। बजाज चेतक 35 सीरीज के 10-इंच पावर टायर और नया सस्पेंशन ढलान पर ग्रिप और बैलेंस बनाए रखते हैं। NDS ECO मोटर्स का 2025 मॉडल, जो ऑटो एक्सपो में चर्चा में रहा, 30 डिग्री तक की चढ़ाई चढ़ सकता है। ओला S1 प्रो भी डिस्क ब्रेक और रिवर्स मोड के साथ चढ़ाई और उतराई दोनों में अच्छा है। कम पावर वाले स्कूटर, जैसे हीरो इलेक्ट्रिक फ्लैश LX (250W), चढ़ाई पर दिक्कत दे सकते हैं। एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि लंबी चढ़ाई के लिए 1000W या ज्यादा पावर और अच्छा सस्पेंशन वाला स्कूटर चुनें। साथ ही, लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन वाले हाई-स्पीड मॉडल बेहतर हैं।
चढ़ाई पर स्कूटर चलाने के आसान टिप्स
पहाड़ी रास्तों पर इलेक्ट्रिक स्कूटर चलाने के लिए सही तरीका जरूरी है। सबसे पहले, बैटरी को फुल चार्ज रखें, क्योंकि चढ़ाई पर ज्यादा पावर लगती है। ज्यादा वजन से बचें, दो सवारी या भारी सामान बैटरी को जल्दी खत्म कर सकता है। टायर का ग्रिप चेक करें, क्योंकि पावर टायर ढलान पर स्किडिंग रोकते हैं। स्कूटर को स्मूथ चलाएं और छोटे-छोटे थ्रस्ट दें, ताकि मोटर पर दबाव न पड़े। ढलान उतरते वक्त स्पीड कंट्रोल करें और रिवर्स मोड का इस्तेमाल करें, अगर स्कूटर में हो। अच्छे ब्रेक और सस्पेंशन जरूरी हैं, जैसे ओला S1 प्रो में डिस्क ब्रेक स्थिरता देते हैं। रास्ता बहुत ढलान वाला हो तो पहले स्कूटर की लिमिट टेस्ट करें। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि 20 डिग्री से ज्यादा चढ़ाई पर सावधानी रखें, वरना मोटर डैमेज हो सकती है। सही स्कूटर और स्मार्ट राइडिंग से पहाड़ी रास्ते आसान हो सकते हैं।