घर पर इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्ज करना गैरकानूनी है? जानें नियम और सच्चाई

इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) की चार्जिंग को लेकर कई लोग कन्फ्यूज हैं। क्या घर पर चार्ज करना गैरकानूनी है? नियम क्या कहते हैं, और कैसे करें सुरक्षित चार्जिंग? आइए, सारी बातें डिटेल में समझें।

इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) का चलन बढ़ रहा है, लेकिन घर पर चार्जिंग को लेकर लोग अक्सर गलतफहमियों का शिकार हो जाते हैं। सच्चाई ये है कि घर पर EV चार्ज करना पूरी तरह कानूनी है, बशर्ते आप सही तरीके और गाइडलाइंस फॉलो करें। चाहे सही चार्जर का इस्तेमाल हो या इलेक्ट्रिकल सेटअप की सावधानी, ये छोटी-छोटी बातें चार्जिंग को सुरक्षित और आसान बनाती हैं। खासकर हाउसिंग सोसाइटीज में भी अब चार्जिंग के नियम साफ हो चुके हैं। आइए, इन नियमों और जरूरी टिप्स को जानें।

इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) आज की जरूरत बन चुके हैं, और घर पर चार्जिंग इसकी सबसे बड़ी सुविधा है। लेकिन कई लोग सोचते हैं कि क्या ये कानूनी है? जवाब है – हां, घर पर EV चार्ज करना पूरी तरह लीगल है। भारत में सरकार ने इसके लिए साफ गाइडलाइंस दी हैं, ताकि लोग बिना किसी डर के अपने व्हीकल चार्ज कर सकें। आप अपने घर के रेगुलर बिजली कनेक्शन से चार्जिंग कर सकते हैं, और इसके लिए कोई खास लाइसेंस नहीं चाहिए। बस आपको सही टाइप का चार्जर, जैसे टाइप-2 AC चार्जर, यूज करना होगा, जो आपके EV के साथ कम्पैटिबल हो। इसके अलावा, इलेक्ट्रिकल सेटअप को चेक करना जरूरी है, ताकि ओवरलोडिंग या शॉर्ट-सर्किट जैसी दिक्कत न आए। हाउसिंग सोसाइटीज में रहने वालों के लिए अच्छी खबर ये है कि अब नियम साफ हैं सोसाइटी मैनेजमेंट को चार्जिंग पॉइंट लगाने की इजाजत देनी होगी, बशर्ते आप उनके गाइडलाइंस फॉलो करें। घर पर चार्जिंग न सिर्फ सुविधाजनक है, बल्कि पब्लिक चार्जिंग स्टेशन्स की तुलना में सस्ता और पर्यावरण के लिए बेहतर भी है।

 

घर पर EV चार्जिंग के 5 जरूरी नियम

  • ब्रांडेड चार्जर यूज करें: हमेशा EV के साथ आए ओरिजिनल चार्जर या कम्पैटिबल टाइप-2 AC चार्जर इस्तेमाल करें। सस्ते चार्जर बैटरी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • इलेक्ट्रिकल सेटअप तैयार करें: चार्जिंग के लिए 15A या 32A का डेडिकेटेड सॉकेट और MCB (मिनिएचर सर्किट ब्रेकर) लगवाएं। इलेक्ट्रीशियन से सेटअप चेक करवाएं।
  • सोसाइटी से अप्रूवल लें: अगर आप फ्लैट में रहते हैं, तो चार्जिंग पॉइंट के लिए सोसाइटी मैनेजमेंट से लिखित इजाजत लें। नियमों के मुताबिक वो मना नहीं कर सकते।
  • चार्जिंग पॉइंट को सुरक्षित रखें: बारिश या धूप से बचाने के लिए चार्जिंग पॉइंट पर वेदरप्रूफ कवर या शेड लगाएं, ताकि शॉर्ट-सर्किट न हो।
  • बिजली की खपत का ध्यान: घर के बिजली कनेक्शन से चार्जिंग का बिल रेगुलर बिल में जुड़ता है। कुछ राज्य EV के लिए सस्ता टैरिफ देते हैं, तो अपने बिजली बोर्ड से पूछें।

 

EV चार्जिंग से जुड़े 5 बड़े मिथक और सच्चाई

  • घर पर चार्जिंग गैरकानूनी है?
    सच्चाई: सरकार ने साफ किया है कि घर पर EV चार्जिंग के लिए कोई लाइसेंस नहीं चाहिए। सही सेटअप के साथ ये पूरी तरह कानूनी है।
  • घर का बिजली सिस्टम फेल हो जाएगा?
    सच्चाई: डेडिकेटेड सॉकेट और सही वायरिंग के साथ ओवरलोडिंग का खतरा नहीं है। पुराने सिस्टम को अपग्रेड करना पड़ सकता है।
  • सोसाइटीज चार्जिंग की इजाजत नहीं देतीं?
    सच्चाई: नए नियमों के तहत हाउसिंग सोसाइटीज को EV चार्जिंग पॉइंट्स की परमिशन देनी होगी, बशर्ते आप नियम फॉलो करें।
  • घर पर चार्जिंग बहुत महंगी पड़ती है?
    सच्चाई: घर पर चार्जिंग पब्लिक स्टेशन्स से सस्ती है। 1 यूनिट बिजली से 10-15 किमी रेंज मिलती है, जो पेट्रोल से कई गुना किफायती है।
  • चार्जिंग से आग लगने का डर है?
    सच्चाई: सही चार्जर, अच्छी वायरिंग, और मेंटेनेंस के साथ आग का खतरा नहीं है। गर्मियों में ओवरहीटिंग से बचने के लिए सावधानी बरतें।

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Ronak Namdev

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मैं रौनक नामदेव, एक लेखक जो अपनी कलम से विचारों को साकार करता है। मुझे लगता है कि शब्दों में वो जादू है जो समाज को बदल सकता है, और यही मेरा मकसद है - सही बात को सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना। मैंने अपनी शिक्षा DCA, BCA और MCA मे पुर्ण की है, तो तकनीक मेरा आधार है और लेखन मेरा जुनून हैं । मेरे लिए हर कहानी, हर विचार एक मौका है दुनिया को कुछ नया देने का ।

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