भारत में टेस्ला की सबसे सस्ती कार की कीमत क्या होगी? क्या हुंडई क्रेटा, मारुति सुजुकी विटारा से कम कीमत में आएगी गाड़ी?

भारत में जल्द ही टेस्ला दस्तक दे सकती है। दरअसल, कंपनी जल्द ही भारत में अपनी कार लॉन्च कर सकती है। लेकिन टेस्ला की कार भारत में आने से पहले ग्राहकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इसकी कीमत कितनी होगी? इसे लेकर ब्रोकरेज फर्म CLSA ने एक अनुमान लगाया है।

Rishabh Namdev
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लंबे समय से भारतीय बाजार में टेस्ला की कारों का इंतजार किया जा रहा है। दुनियाभर में टेस्ला का बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है, और अब कंपनी भारतीय बाजार में भी अपने कदम रख सकती है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या टेस्ला की कारों की कीमत भारतीय ग्राहकों के अनुसार होगी? दरअसल, आमतौर पर टेस्ला की कारें भारतीय बाजार की अन्य कारों की तुलना में महंगी हो सकती हैं। इसे लेकर ब्रोकरेज फर्म CLSA द्वारा एक अनुमान लगाया गया है। अनुमानित कीमत की बात करें तो भारत में इसकी कीमत लगभग 35 से 40 लाख रुपये के बीच हो सकती है।

ब्रोकरेज फर्म के अनुमान के मुताबिक, यदि भारतीय सरकार इंपोर्ट ड्यूटी में 20% तक की भी कटौती कर देती है, तो भी इसकी कीमतों पर खास असर नहीं पड़ेगा। 30 से 40 लाख रुपये के बीच होने वाली ये कारें भारतीय बाजार में महंगी साबित हो सकती हैं।

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सबसे सस्ती गाडी कितने की होगी?

अब सवाल यह उठता है कि टेस्ला की सबसे सस्ती कार कौन सी है? बता दें कि इस वक्त अमेरिका में टेस्ला की सबसे सस्ती कार की कीमत लगभग 35,000 अमेरिकी डॉलर है, जो भारतीय मुद्रा में करीब 30.4 लाख रुपये होती है। यदि भारतीय बाजार में इसके इंपोर्ट ड्यूटी में 15 से 20% तक की कटौती कर दी जाती है और अन्य खर्चों (जैसे रोड टैक्स, इंश्योरेंस आदि) को जोड़ दिया जाए, तो इसकी कीमत भारतीय बाजार में लगभग 40,000 अमेरिकी डॉलर यानी 35 से 40 लाख रुपये तक पहुंच सकती है।

भारत में मौजूद गाड़ियों के मुकाबले कितनी महंगी?

यदि टेस्ला भारतीय बाजार में प्रवेश करती है, तो इससे भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग पर भी असर पड़ेगा। हालांकि, भारतीय बाजार में मौजूदा इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत टेस्ला की गाड़ियों की तुलना में काफी कम है। जहां टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों की कीमत 30 से 40 लाख रुपये के बीच हो सकती है, वहीं भारतीय इलेक्ट्रिक कारों की कीमत 15 से 30 लाख रुपये तक होती है। भारतीय बाजार में हुंडई क्रेटा, मारुति सुजुकी विटारा और महिंद्रा की इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तुलना में टेस्ला की कारें 20 से 50% तक ज्यादा महंगी हो सकती हैं। ऐसे में, भले ही टेस्ला भारतीय बाजार में एंट्री कर ले, लेकिन उसे यहां अपनी पकड़ मजबूत करने में समय लग सकता है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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