Tue, Dec 30, 2025

भारत में ऑटोमोबाइल बिक्री से कौन कितना कमाता है? मैन्युफैक्चरर, डीलर या सरकार किसकी तिजोरी भरती सबसे ज़्यादा

Written by:Ronak Namdev
Published:
भारत में वाहन बिक्री से होने वाली कमाई का बंटवारा कैसे होता है?, ऑटोमोबाइल से सरकार 40-50% टैक्स लेती है, मैन्युफैक्चरर और डीलर का हिस्सा कितना, जानें पूरी डिटेल।
भारत में ऑटोमोबाइल बिक्री से कौन कितना कमाता है? मैन्युफैक्चरर, डीलर या सरकार किसकी तिजोरी भरती सबसे ज़्यादा

ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है, और हर साल लाखों वाहन बिकते हैं। लेकिन क्या आपने सोचा कि इस बिक्री से सबसे ज्यादा मुनाफा कौन कमाता है, मैन्युफैक्चरर, डीलर, या सरकार? एक नई कार की कीमत में कई तरह के टैक्स, डीलर मार्जिन, और मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट शामिल होते हैं।

मोटे तौर पर, सरकार टैक्स के जरिए सबसे बड़ा हिस्सा लेती है, जबकि डीलर का मार्जिन सबसे कम होता है। मैन्युफैक्चरर भी अच्छा मुनाफा कमाते हैं, लेकिन उनकी लागत भी ज्यादा होती है। आइए, इस कमाई के बंटवारे को विस्तार से समझते हैं, और देखते हैं कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा फायदा कौन उठाता है।

सरकार की कमाई

किसी भी वाहन की बिक्री पर सरकार टैक्स के जरिए सबसे ज्यादा मुनाफा कमाती है। एक नई कार की कीमत का लगभग 40-50% हिस्सा टैक्स के रूप में सरकार के पास जाता है। इसमें जीएसटी (28%), रोड टैक्स (10-15%), और सेस जैसे कई चार्ज शामिल हैं। मिसाल के तौर पर, अगर एक कार की एक्स-शोरूम कीमत 10 लाख रुपये है, तो इस पर लगभग 4-5 लाख रुपये टैक्स देना पड़ता है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स कम (5% जीएसटी) है, लेकिन पेट्रोल-डीजल गाड़ियों पर भारी टैक्स लगता है। इसके अलावा, रजिस्ट्रेशन फीस और इंश्योरेंस से भी प्रशासन को आय होती है। यानी, हर वाहन की बिक्री से सरकार की तिजोरी भरती है।

मैन्युफैक्चरर का हिस्सा

आमतौर पर, मैन्युफैक्चरर को हर वाहन की बिक्री पर 10-15% का मुनाफा होता है। यानी, 10 लाख की कार पर उन्हें 1-1.5 लाख रुपये का फायदा हो सकता है। हालांकि, बड़ी कंपनियां जैसे मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, और महिंद्रा ज्यादा प्रोडक्शन की वजह से लागत कम कर मुनाफा बढ़ा लेती हैं। इसके अलावा, वे स्पेयर पार्ट्स, सर्विसिंग, और एक्सेसरीज से भी आय करती हैं। लेकिन टैक्स के बाद उनका हिस्सा सरकार से कम ही रहता है।

डीलर का मार्जिन सबसे कम फायदा

एक कार की बिक्री पर डीलर का मार्जिन आमतौर पर 3-5% होता है। यानी, 10 लाख की कार पर डीलर को सिर्फ 30,000-50,000 रुपये का फायदा होता है। डीलर को शोरूम चलाने, स्टाफ की सैलरी, और मार्केटिंग का खर्च भी उठाना पड़ता है, जिससे उनका मुनाफा और कम हो जाता है। हालांकि, डीलर इंश्योरेंस, फाइनेंस कमीशन, और सर्विसिंग से अतिरिक्त आय करते हैं। फिर भी, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में उनकी कमाई मैन्युफैक्चरर और प्रशासन की तुलना में सबसे कम है।