डीजल कारें पेट्रोल से ज्यादा माइलेज देती हैं, ये तो सब जानते हैं। एक लीटर डीजल में ज्यादा एनर्जी और इंजन की खास टेक्नोलॉजी इसकी बड़ी वजह है। मिसाल के तौर पर, डीजल SUV 20-24 किमी/लीटर दे सकती है, जबकि पेट्रोल 14-17 किमी/लीटर। लेकिन क्या डीजल हर किसी के लिए बेस्ट है? चलो, इसकी सारी बातें खोलकर देखते हैं।
डीजल कारें पेट्रोल से बेहतर माइलेज देती हैं, और इसके पीछे साइंस काम करता है। डीजल इंजन का कंप्रेशन रेशियो 14:1 से 22:1 होता है, जो पेट्रोल इंजन (8:1 से 12:1) से ज्यादा है। इससे डीजल फ्यूल से ज्यादा एनर्जी निकलती है। एक लीटर डीजल में पेट्रोल से 10-15% ज्यादा कैलोरी वैल्यू होती है, यानी कम फ्यूल में गाड़ी ज्यादा चलती है। उदाहरण के लिए, टोयोटा फॉर्च्यूनर का डीजल मॉडल 18-20 किमी/लीटर देता है, जबकि पेट्रोल 10-12 किमी/लीटर। डीजल इंजन कम RPM पर हाई टॉर्क देते हैं, जो लंबी ड्राइव में फ्यूल बचाते हैं। लेकिन बार-बार रुकने वाली सिटी ड्राइविंग में इसका फायदा थोड़ा कम हो जाता है।

डीजल इंजन की खासियत
डीजल इंजन की डिजाइन इसे पेट्रोल से अलग बनाती है। ये स्पार्क प्लग की जगह कंप्रेशन से फ्यूल जलाते हैं, जिससे एनर्जी का नुकसान कम होता है। डीजल की हाई डेंसिटी की वजह से ये ज्यादा पावर जनरेट करता है। मिसाल के तौर पर, किआ सेल्टोस का डीजल वेरिएंट 22 किमी/लीटर तक देता है, जबकि पेट्रोल 16 किमी/लीटर। डीजल इंजन का स्ट्रक्चर मज़बूत होता है, जिससे इसकी लाइफ 3-4 लाख किमी तक चलती है, पेट्रोल इंजन की 2-2.5 लाख किमी के मुकाबले। ये खासियत SUV और हैवी गाड़ियों के लिए बेस्ट है, क्योंकि इनमें ज्यादा टॉर्क की जरूरत होती है। लेकिन BS6 नियमों ने डीजल इंजन में SCR और DPF जैसे सिस्टम जोड़े, जिससे मेंटेनेंस कॉस्ट 20-30% बढ़ गया है। फिर भी, लंबी दूरी वालों के लिए डीजल अब भी फायदेमंद है।
डीजल कार लेनी चाहिए या नहीं?
डीजल कारें माइलेज में तो सुपरहिट हैं, लेकिन हर ड्राइवर के लिए सही नहीं। अगर आप सालाना 20,000 किमी से ज्यादा चलाते हैं, खासकर हाईवे पर, तो डीजल कार आपके लिए पैसे बचाएगी। डीजल मॉडल की कीमत पेट्रोल से 1-2 लाख ज्यादा होती है, लेकिन 4-5 साल में माइलेज से ये खर्च वसूल हो जाता है। मिसाल के तौर पर, हुंडई क्रेटा डीजल की माइलेज सिटी में 18 किमी/लीटर और हाईवे पर 22 किमी/लीटर है। लेकिन अगर आप साल में 10,000 किमी से कम चलाते हैं या ज्यादातर सिटी ड्राइविंग करते हैं, तो पेट्रोल कार सस्ती और हल्की रहेगी। BS6 डीजल कारें कम प्रदूषण करती हैं, लेकिन दिल्ली-NCR जैसे शहरों में 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर बैन और कम रीसेल वैल्यू चिंता की बात है। साथ ही, इलेक्ट्रिक और CNG गाड़ियां अब सस्ते ऑप्शंस दे रही हैं। तो नई कार लेने से पहले अपनी ड्राइविंग आदत, बजट और फ्यूल की कीमत जरूर चेक करें।