MP Breaking News

Welcome

Fri, Dec 5, 2025

लोकायुक्त पुलिस का एक्शन, 50,000 रुपये की रिश्वत लेते पंचायत सचिव रंगे हाथ दबोचा, ये है पूरा मामला

Written by:Atul Saxena
तय योजना के मुताबिक जैसे ही अंकुश चौकसे ने रिश्वत की राशि 50 हजार रुपये ग्राम पंचायत सचिव योगेश हिर्वाने को दिए पहले से तैयार लोकायुक्त की टीम ने उसे दबोच लिया।
लोकायुक्त पुलिस का एक्शन,  50,000 रुपये की रिश्वत लेते पंचायत सचिव रंगे हाथ दबोचा, ये है पूरा मामला

मध्य प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई हुई है, लोकायुक्त सहित अन्य एजेंसियां रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार की शिकायत पर तुरंत संज्ञान लेती हैं और भष्ट शासकीय सेवक को रंगे हाथ पकड़ती हैं, इसी क्रम में आज जबलपुर लोकायुक्त टीम ने एक पंचायत सचिव को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है।

जबलपुर लोकायुक्त एसपी कार्यलय से मिली जानकारी के मुताबिक बालाघाट जिले के ग्राम उकवा निवासी किसान अंकुश चौकसे ने एक शिकायती आवेदन दिया था जिसमें पंचायत सचिव योगेश हिर्वाने पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाये थे।

निर्माण कार्य की अनुमति देने मांगी रिश्वत  

शिकायती आवेदन में अंकुश चौकसे ने लिखा कि उसने अपने पट्टे की जमीन पर निर्माण कार्य की अनुमति मांगने के लिए ग्राम पंचायत उकवा कार्यलय में आवेदन दिया था, , लेकिन यहाँ पदस्थ ग्राम पंचायत सचिव उकवा योगेश हिर्वाने ने निर्माण हेतु एनओसी देने के लिए 1 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं।

मांगी थी 1 लाख रुपये की  रिश्वत 

शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने इसका सत्यापन किया,  सत्यापन के समय बातचीत के दौरान आरोपी योगेश हिर्वाने के द्वारा 100000 रुपये की मांग की गई और पहली क़िस्त लेकर आज 13 नवम्बर को ग्राम पंचायत भवन के सामने अंकुश को बुलाया।

ऐसे बिछाया लोक्युक्त पुलिस ने जाल 

रिश्वत मांगे जाने का प्रमाण मिलने के बाद आज लोकायुक्त पुलिस जबलपुर की टीम निरीक्षक बृजमोहन सिंह नरवरिया, जितेंद्र यादव , रेखा प्रजापति अन्य स्टाफ के साथ आवेदक अंकुश के साथ बालाघाट पहुंची और निर्धारित समय पर उसे ग्राम पंचायत सचिव योगेश हिर्वाने के पास भेजा।

रिश्वत हाथ में आते ही दबोचा पंचायत सचिव 

तय योजना के मुताबिक जैसे ही अंकुश चौकसे ने रिश्वत की राशि 50 हजार रुपये योगेश हिर्वाने को दिए पहले से तैयार लोकायुक्त की टीम ने उसे दबोच लिया। आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन)2018 की धारा-7,13(1)B, 13(2) के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है।