जिस जमीन को आरोपियो ने फर्जी तरीके से हथिया था वह जमीन फैज मोहम्मद खान के नाम पर थी। जिन की मौत के बाद उस जमीन के सात वारिश नियुक्त किए गए थे। 1989 में सात में से 6 वारिशो ने करीब 15 एकड़ जमीन का मुख्तारनामा शफीफ खान के नाम पर कर दिया था लेकिन सातवे वारिश मोहम्मद याकूब ने इस में अपनी सहमति नही दी थी। जिस के बाद शफीफ मोहम्मद ने उसी सिरियल नंबर का मुख्तारनामा बनवाया और उस में 15 एकड़ की जगह 93.5 एकड़ लिखवा लिया और उस जमीन पर तिलक सहकारी गृह निर्माण सोसायटी बनाकर लोगो को प्लॉट बेचना शुरु कर दिया था। मोहम्मद अनवर को वर्ष 2014 में जमीन के नामांतरण के लिए एक नोटिस मिला। 93.5 एकड़ जमीन को तिलक सहकारी गृह निर्माण संस्था मर्यादित को करने के लिए एनओसी मांगी गई थी। तब समझ में आया जमीन के साथ गड़बड़ी हो चुकी है। परिवार वालो ने आरटीआई के जरिए जमीन के दस्तावेज निकलवाए तब जाकर इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ।
इन 14 लोगो ने मिल कर किया खेल
जांच के बाद मोहम्मद शरीफ खान, शफीक मोहम्मद, कर्नल भूपेंद्र सिंह, मोहम्मद शकूर खान, असगर अली, जरीना बेगम, कुमारी मीना उर्फ मीनू चोखर, रंजीत सिंह, सुशीला सिंह, रीता खडायत, रश्मि खडायत, निशी खडायत, रफीक मोहम्मद और शहजाद मोहम्मद के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया हैं। आरोपियों में शामिल शकूर खान और शहजाद की पहले ही मौत हो चुकी है ।
जांच के बाद तय होगा किस को मिलेंगे प्लॉट
सहकारिता विभाग उक्त सोसायटी के दस्तावेजों की जांच करेगा। सहकारिता सहायक आयुक्त छविकांत वाघमारे ने कहा है कि तिलक सोसायटी में अनेक मकान बन चुके हैं। इस जमीन पर किसे प्लॉट मिलेंगे, यह जांच के बाद ही साफ हो पाएगा।