मध्यप्रदेश विधासनभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस विधायक बंदर का मुखौटा पहनकर सदन पहुंचे। एक विधायक ने बंदर का मास्क लगाया और उनके हाथ में उस्तरा था। विपक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार “बंदर के हाथ में उस्तरा” वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में सभी कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में नारेबाजी की और ज़ोरदार प्रदर्शन किया।
वहीं विपक्ष के इस प्रदर्शन को लेकर सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि उनका सुझाव है कि कांग्रेस विधायक नौटंकी कंपनी में शामिल हो जाएं। उन्होंने कहा कि इस तरह के स्वांग रचाकर कांग्रेस विधानसभा की गरिमा का हनन कर रही है।
बंदर के हाथ में उस्तरा : कांग्रेस विधायकों का ज़ोरदार प्रदर्शन
पहले दिन पूतना, दूसरे दिन ‘चिड़िया चुग गई खेत’ और आज तीसरे दिन कांग्रेस विधायकों ने ‘बंदर के हाथ में उस्तरा’ वाली कहावत के आधार पर विपक्ष ने प्रदेश की बीजेपी सरकार के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि वो प्रदेश की बंदर रूपी भाजपा सरकार को जगाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के हाथ में उस्तरा आ गया है और वह युवाओं के रोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं, कानून-व्यवस्था और किसानों के अधिकारों को बेरहमी से काट रही है। इसी के साथ विपक्ष ने कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की राहत राशि अब तक किसानों को नहीं मिली है। इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायक दल ने विधानसभा में विरोध दर्ज करते हुए वॉकआउट किया।
विश्वास सारंग का पलटवार
कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन पर कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस को नौटंकी कंपनी में दाखिला ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक-दो महीने बाद बच्चों के स्कूल की छुट्टियां लग जाएंगी और गांव-गांव में नौटंकी कंपनी चलेंगी। कांग्रेस नेता वहां जाए तो उनको अच्छा रोज़गार भी मिल जाएगा। विश्वास सारंग ने कहा कि “विधानसभा में इस तरह के स्वांग रचाकर वो सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। कांग्रेस की इतनी बदतर स्थिति है लेकिन फिर भी उनमें गंभीरता नहीं आ पा रही है।” उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा की गरिमापूर्ण परंपरा रही है। कांग्रेस इसके मंच पर आकर अपनी बात करें न कि इस बंदर की तरह की नौटंकी करें। विश्वास सारंग ने कहा कि कई बार प्रकृति वही कर देती है..जो आप चाहते हैं वही हो जाते हैं इसलिए कांग्रेस तय कर ले कि वो क्या होना चाहती है।






