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Fri, Dec 5, 2025

भोपाल के बड़े तालाब में डल झील की तर्ज पर चलेंगे शिकारा, सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया शुभारंभ, ले सकेंगे शॉपिंग और स्थानीय व्यंजनों का लुत्फ

Written by:Shruty Kushwaha
बड़े तालाब में अब पर्यटक एक प्रीमियम, सौंदर्यपूर्ण और शांत जल-पर्यटन अनुभव ले सकेंगे। शिकारा कश्मीर की सांस्कृतिक पहचान है। यह लंबी, संकरी और ख़ूबसूरत सजी-धजी पारंपरिक लकड़ी की नाव होती है जिसे नाविक पंटिंग पोल से धीरे-धीरे खेता है। इसमें कोई मोटर या पैडल नहीं होता इसलिए पूरी तरह शांत और प्रदूषण मुक्त होती है। कश्मीर में शिकारा का उपयोग सैर-सपाटे के साथ दैनिक आवागमन और वॉटर-मार्केट के रूप में भी किया जाता है। अब सैलानियों के लिए ये सेवा राजधानी के अपर लेक में भी शुरु हो गई है।
भोपाल के बड़े तालाब में डल झील की तर्ज पर चलेंगे शिकारा, सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया शुभारंभ, ले सकेंगे शॉपिंग और स्थानीय व्यंजनों का लुत्फ

Bhopal Upper Lake Shikara Service

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल जो ‘तालों की नगरी’ कही जाती है..उसे आज एक नया रंग मिला है। अब इस शहर के सबसे बड़े आकर्षण बड़े तालाब में शिकारा चलेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज अपर लेक बोट क्लब में कश्मीर की प्रसिद्ध डल झील की तर्ज पर तैयार 20 आधुनिक शिकारा नौका सेवा का शुभारंभ किया। इस अनूठी पहल से भोपाल का बड़ा तालाब अब पर्यटकों को कश्मीरी शिकारा की याद दिलाएगा और प्रदेश का जल-पर्यटन राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर मजबूती से उभरेगा।

शिकारा राइड के दौरान पर्यटकों के लिए बर्ड वॉचिंग की विशेष व्यवस्था भी की गई है। इसके लिए नावों में दूरबीन उपलब्ध रहेगी। साथ ही यात्रियों के लिए अन्य शिकारों से हस्तशिल्प उत्पाद, ऑर्गेनिक सब्जियां-फ्रूट्स तथा स्थानीय व्यंजन खरीदने और उनका स्वाद लेने की सुविधा भी रहेगी। इससे स्थानीय कलाकारों व उत्पादकों को भी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। इस शुभारंभ कार्यक्रम में मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

भोपाल के बड़े तालाब में अब शिकारा चलेंगे

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को भोपाल स्थित अपर लेक बोट क्लब पर मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा तैयार की गई 20 नई ‘शिकारा सेवाओं’ का शुभारंभ किया। कश्मीर की डल झील की तर्ज पर विकसित ये शिकारे पहली बार इतने बड़े पैमाने पर राजधानी में शुरू किए गए हैं। यह सेवा पर्यटकों को प्रीमियम, शांत और प्रकृति के सानिध्य का अनूठा अनुभव देगी। इस असर पर सीएम ने कहा कि “हमारे प्रदेश की सबसे बेहतरीन झील में अब डल झील की तर्ज पर न सिर्फ शिकारों का संचालन होगा बल्कि कश्मीर की तरह अब यहां सब्जी, कपड़े, मृगनयनी के माध्यम से स्वदेशी वस्तुएं और जैविक वस्तुओं का विक्रय भी होगा। ऐसी कई सौगातों के साथ ये पर्यटन का नया केंद्र बनेगा। ”

पर्यावरण अनुकूल शिकारा सर्विस

ये सभी ‘शिकारे’ पर्यावरण अनुकूल है। पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए सभी शिकारा नौकाओं का निर्माण ‘फाइबर रिइनफोर्स्ड पॉलीयूरिथेन’ से किया गया है जो नॉन-रिएक्टिव एवं प्रदूषण-रहित सामग्री है। अधिकारियों के अनुसार यह सामग्री जल के संपर्क में किसी प्रकार का रासायनिक प्रभाव नहीं डालती है। पर्यटन निगम ने इन आधुनिक शिकारों को अत्याधुनिक तकनीक से तैयार किया है, जिससे ये न सिर्फ अधिक सुरक्षित और टिकाऊ हैं बल्कि सौंदर्य की दृष्टि से भी आकर्षक हैं। बड़े तालाब से मोटरबोट हटाए जाने के बाद पर्यावरण अनुकूल जल पर्यटन को बढ़ावा देने की के उद्देश्य से अब शिकारा सर्विस शुरु की गई है और उम्मीद है कि इससे सैलानियों को एक नया और सुंदर अनुभव प्राप्त होगा।