Murder : पिता ने ही ली अपने 2 साल के मासूम की जान, गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पिता ने अपने ही 2 साल के मासूम बेटे की हत्या (Murder) कर दी। पिता को शक था कि 2 साल का मासूम उसका बेटा नहीं है। पिता ने अपने बेटे के सर पर कड़ा मारा, जिससे उसकी मौत (Death) हो गई। जिसके बाद हत्या (Murder) को दुर्घटना का नाम देने के लिए पिता ने मृतक मासूम के मुंह और नाक में पानी भर दिया, जिससे लोगों को लगे की दुर्घटना के चलते मासूम की मौत हुई है।

यह पूरा मामला भोपाल के कोलार (Kolar of Bhopal) के बांस खेड़ी का है। बांसखेडी के रहने वाले विनोद परवे ने अपने 2 साल के मासूम बच्चे आर्यन परवे को मौत के घाट उतार (Murder) दिया। पिता विनोद परवे को शक था कि आर्यन उसका बेटा नहीं है। आर्यन को मारने के बाद जब पत्नी घर पहुंची तो अपने मृत बेटे को देख उसके होश उड़ गए। जिसके बाद आरोपी ने अपनी पत्नी को डराया और मामले को छुपाने को कहा। आरोपी पिता ने अपनी पत्नी से सुबह मायके जाकर बेटे की मौत की खबर देने को कहा। वहीं जब पुलिस को मामले में शक हुआ तो उसने सघन पूछताछ की जिसमें आरोपी पिता ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

पूरे मामले को लेकर कोलार के टीआई सुधीर अरजरिया कहते हैं कि उन्हें आरोपी ने बताया कि उसका बेटा आर्यन गुरुवार शाम को पानी के डब्बे के पास खेल रहा था और मैं घर पर नहीं था। जब घर लौटा तो उसने आर्यन को डब्बे के नीचे पड़ा पाया और उसके मुंह और नाक मैं पानी भरा हुआ था। जिसके बाद वे तुरंत आर्यन को इलाज के लिए अस्पताल ले गया। पुलिस का कहना है कि जो बयान आरोपी ने दिए और घटनास्थल से जो जांच हुई वह कई सवाल खड़े कर रहे थे, जिसके बाद आरोपी विनोद से कड़ी पूछताछ की गई जिसमें पूरे मामले का खुलासा हुआ।

पुलिस ने बताया कि आरोपी ने झूठ बोला था कि वह आर्यन को अस्पताल लेकर गया है। वहीं जब पत्नी घर लौटी तो वह उसे घर के अंदर ले गया और बाद में पत्नी को सब कुछ बता दिया। पुलिस का कहना है कि पति-पत्नी के बयान मेल नहीं खाने के चलते हैं उन पर शक हुआ। जिसके बाद आरोपी से सख्त पूछताछ की गई और विनोद का झूठ पकड़ा गया। पुलिस ने कहा कि आरोपी अपनी पत्नी पर आरोप लगा रहा था कि आर्यन उसका बेटा नहीं है और यही कारण है जो उसने इस वारदात को अंजाम दिया। टीआई बताते हैं कि 15 दिन पहले भी आरोपी ने अपने बेटे को मारने की कोशिश की थी और इस दौरान उसका हाथ फैक्चर हो गया था। परिजनों के आ जाने के चलते आर्यन बच गया था।

पूछताछ में विनोद ने बताया कि उसे यह शक था कि आर्यन उसका बेटा नहीं है क्योंकि उसकी पत्नी काफी समय से उससे अलग रह रही थी। करीब 20 दिन पहले ही दोनों पति-पत्नी में सुलाह हुई है, जिसके बाद वह अपने बेटे के साथ विनोद के साथ रहने आ गई थी। बता दें कि विनोद की पत्नी इससे पहले कोटरा के पंचशील नगर में रह रही थी।

पुलिस बताती है कि विनोद ने अपना आरोप कबूल करते हुए बताया कि पत्नी जब घर से चली गई थी उस समय मैं अपने बेटे के साथ घर पर अकेला था। इसी दौरान अचानक लाइट चली गई। पहले उसने मोमबत्ती जलाई और फिर बेटे के सर पर जोर से कड़ा मर दिया, बच्चे चिल्लाया और मार गया। वही हत्या दुर्घटना लगे इसलिए आरोपी ने मृतक बच्चे के मुंह और नाक में पानी डाल दिया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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