MP News : पंचायत सचिवों की बैठक में प्रशासन का छापा , मची भगदड़

Pooja Khodani
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अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया। अशोकनगर (Ashoknagar) के वेदांत भवन में पंचायत सचिवों की बैठक (Panchayat Secretaries Meeting) में उस समय भगदड़ मच गई, जब चुनाव आयोग (Election commission) द्वारा गठित SST एवं प्रशासन की टीम ने छापा मारा ।प्रशासन को शिकायत मिली थी कि यहां शासकीय कर्मचारी राजनीतिक दल के लोगों के साथ बैठक कर रहे है।इसके बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा उम्मीदवार जजपाल सिंह जज्जी पंचायत सचिवों की बैठक ले रहे थे ।

उधर पंचायत सचिवों का कहना है कि अपने कैंसर पीड़ित साथी की आर्थिक मदद के लिए सभी पंचायत सचिव जुटे थे ।तहसीलदार रोहित रघुवंशी (Tehsildar Rohit Raghuvanshi) ने कहा कि सरकारी कर्मचारी (Government employee) बिना अनुमति के बैठक कर रहे थे। शिकायत थी कि यह पंचायत सचिव राजनीतिक दल के लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं क्योंकि जिले में आचार संहिता लागू है इसलिए कोई भी सरकारी अधिकारी कर्मचारी राजनीतिक दलों के लोगों के साथ बैठक नहीं कर सकता इसी शिकायत पर यह कार्रवाई की है । टीम के द्वारा अचानक छापा मार कार्रवाई करने के कारण विधान भवन में भगदड़ मच गई और लोग इधर-उधर से भागने लगे ।

तहसीलदार रघुवंशी का कहना है कि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि कौन-कौन लोग थे।मगर पूरे घटनाक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई है। इसे देखने के बाद जांच प्रतिवेदन वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपा जाएगा । प्रशासन कि टीम के साथ ही कांग्रेस के नेता भी वेदांत भवन के पास पहुंच गए ।कांग्रेस जिला अध्यक्ष हरि सिंह रघुवंशी का कहना है कि BJP प्रत्याशी जजपाल सिंह जज्जी (BJP candidate Jajpal Singh Jadji) इस बैठक में थे और जब SDM पहुंचे तो वह यहां से बाहर निकल रहे थे , उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों पर मिलीभगत का भी आरोप लगाया।

पंचायत सचिव संघ के पदाधिकारी रंजीत यादव का कहना है कि यह शिकायत सरासर गलत है कि उनके साथ जजपाल सिंह जज्जी बैठक कर रहे थे ।उन्होंने बताया कि उनके एक पंचायत सचिव साथी कैंसर की गंभीर बीमारी से पीड़ित है। जिसके लिए पूर्व से ही संगठन मदद कर रहा है ।आज भी उन्हें उपचार के लिए आर्थिक सहायता जुटाई जानी थी इसलिए सभी पंचायत सचिव यहां इकट्ठे हुए थे।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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