राजगढ़।
मध्यप्रदेश(madhya pradesh) के राजगढ़(Rajgarh) से एक बार फिर लापरवाही की तस्वीर सामने आई है। राजगढ़ जिले के ख़िलचीपुर शहर की सड़कों पर शुक्रवार सुबह लोग लॉकडाउन(lockdown) को दरकिनार कर सड़कों पर सोशल डिस्टेंस(social distance) की धज्जियां उड़ाते दिखे। राजगढ़ जिले के ख़िलचीपुर में बस स्टैंड पर लोगो द्वारा सब्जी बाजार लगने से लोगो की भारी दिखी । इसी दौरान भीड़ में शामिल लोग सड़कों पर सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाते दिखे ।वही बहुत से लोगो तो मास्क तक नही लगा रखा था।
राजगढ़ जिला प्रशासन ने ख़िलचीपुर में लॉकडाउन के दौरान सुबह 6 से 12 बजे के बीच दूध, सब्जी, फल आदि जरूरी चीजें खरीदने की मोहलत दे रखी है। ओर सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए ख़िलचीपुर का सब्जी बाजार स्टेडियम ग्राउंड के लगवाया गया था ,परन्तु शुक्रवार को सब्जी विक्रेताओं ने सब्जी बाजार का स्थान परिवर्तन कर ,सब्जी की दुकाने बस स्टैंड की सड़क के दोनों ओर लगा ली ।जिसके कारण सड़कों पर भीड़भाड़ ज्यादा दिखी। खासकर इमली स्टैंड से झालावाड़ नाके के बीच सड़क पर लॉकडाउन का पालन होता नहीं दिखा। फल व सब्जी के ठेलों पर लोग काफी नजदीक खड़े होकर खरीदारी करने नजर आए। सड़कों पर वाहन भी रोजमर्रा से अधिक संख्या में दौड़ते दिखे।
कोरोना से देश-दुनिया में हाहाकार मचा है। भारत में भी लगातार कोरोना अपना पैर पसारते हुए तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथ जोड़ कर बार-बार अपील भी की। पीएम ने कहा अभी इस वायरस से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही सबसे जरूरी और कारगर उपाय है। लेकिन देश के कुछ ऐसे लोग हैं जो इस वायरस की गंभीरता को समझना ही नहीं चाहते हैं। तभी तो पीएम की अपील और सख्त आदेश के बाद भी लोग मानने को तैयार नहीं हैं।
अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कोरोना जैसी महामारी को रोकने के लिए क्या सिर्फ सरकार जवाबदेह है? क्या एक जागरुक नागरिक होने के नाते हमारा दायित्व और कर्तव्य नहीं है? क्या सरकार ने ऐसे लोगों से निपटने के लिए कोई खास इंतेजाम क्या है? क्यों नहीं पुलिस प्रशासन ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है, जो कोरोना जैसे महामारी को हल्के में लेकर देश को संकट में डालने की कोशिश कर रहे हैं? आखिर एक तरफ जहां कई जगहों पर सरकार और प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रही है, वहीं दूसरी और इस तरह की लापरवाही करने वालों के साथ क्यों नहीं सख्ती से निपट रही है? आखिर नियमों का उल्लंघन कर देश को मुसीबत में डालने वाले ऐसे लोग और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी?