भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेन में कैसे किया जाता है सीट अलॉटमैंट, जानें यहां

आरक्षित कोच में सफर करते हैं, इसके लिए उन्हें पहले से ही टिकट बुक करवाना पड़ता है। तो वहीं दूसरा अनारक्षित कोच, जिसे जनरल कोच भी कहा जाता है। इसके लिए आप जनरल टिकट लेकर आप यात्रा कर सकते हैं। इसमें यात्रियों की संख्या अनगिनत होती है।

Sanjucta Pandit
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Indian Railways

Indian Railways : भारतीय रेलवे का इतिहास काफी पुराना रहा है, जो आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल नेटवर्क में शामिल हो चुका है। यह भारत की धड़कन मानी जाती है। एक दिन यदि इसका संचालन बंद कर दिया जाए, तो अरबों का नुकसान होने के साथ ही आम लोगों का जीवन थम जाएगा। बता दें कि सफर करने के लिए यह सबसे सस्ता साधन माना जाता है। जब कम से कम कमाने वाले लोग भी अपने गंतव्य को बहुत ही आसानी से पहुंच सकते हैं।

भारतीय रेलवे में हर रोज करोड़ों यात्री सफर करते हैं। रोजाना लगभग 1300 से अधिक ट्रेनें संचालित की जाती है। भारतीय रेलवे को 18 जोन में बांटा गया है। इसमें सुपरफास्ट, एक्सप्रेस, मेल, पैसेंजर ट्रेन सहित लग्जरी ट्रेनें चलाई जाती है। इसके अलावा, मालगाड़ी का भी संचालन किया जाता है, जिसमें सामान एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाया जाता है।

आरक्षित कोच (Indian Railways)

अगर किसी ट्रेन की बात करें, तो इसमें दो तरह से लोग सफर कर सकते हैं। एक वैसे जो आरक्षित कोच में सफर करते हैं, इसके लिए उन्हें पहले से ही टिकट बुक करवाना पड़ता है। तो वहीं दूसरा अनारक्षित कोच, जिसे जनरल कोच भी कहा जाता है। इसके लिए आप जनरल टिकट लेकर आप यात्रा कर सकते हैं। इसमें यात्रियों की संख्या अनगिनत होती है, लेकिन रिजर्वेशन कोच्स में ऐसा नहीं होता। रिजर्वेशन कोच में सफर करने के लिए पहले से ही यात्रियों को टिकट बुक करना पड़ता है, जिसमें सीट अलॉट किया जाता है। इसके बाद, निर्धारित तिथि पर अलॉट किए गए सीट पर ही यात्री सफर कर पाता है।

ऐसे होता है सीट अलॉटमैंट

क्या आपके मन में कभी यह सवाल नहीं होता कि आखिर रेलवे यात्रियों को किस तरीके से सीट अलॉट करता है, क्योंकि भारतीय रेलवे द्वारा समय-समय पर अपने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नियमों में संशोधन किया जाता है। हालांकि, सीटों की अलॉटमेंट के लिए कोई नियम नहीं बनाए गए हैं, लेकिन रेलवे पहले आओ पहले पाओ के आधार पर सीट अलॉट करती है। अगर आप पहले सीट बुक करते हैं, तो आपको आपकी चुनी हुई सीट मिलती है, लेकिन अगर सीट खाली नहीं है, तो आपके द्वारा चुनी गई सीट आपको नहीं मिलेगी, बल्कि रेलवे खाली सीट पर आपको अलॉटमेंट देगा।

रेलवे द्वारा आगे और पीछे की सीटें बराबर तरीके से बांटी जाती है, ताकि ट्रेन का बैलेंस ना बिगड़े। इसलिए यदि आप अपना मनपसंद सीट पाना चाहते हैं, तो सफर करने से लगभग 4 महीने पहले सीट बुक करवा लें, ताकि आप अपना मनचाहा सीट पा सकते हैं और सफर का आनंद उठा सकते हैं।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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