एस्सार ग्रुप के को-फाउंडर शशि रुइया ने 80 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। मंगलवार 25 नवंबर को उन्होंने अपने जीवन की अंतिम सांस ली। जानकारी के मुताबिक उनका पार्थिव शरीर 26 नवंबर को दोपहर 1:00 से 3:00 तक रुइया हाउस में रखा जाएगा। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा हिंदू वर्ली शमशान के लिए शाम 4:00 बजे निकलेगी। बता दें कि व्यापार जगत में शशि रुइया का एक बड़ा नाम था।
शशि रुइया के निधन से व्यापार जगत में शोक की लहर छाई हुई है। बता दें कि शशि रुइया कई महत्वपूर्ण नेशनल बॉडीज और इंडस्ट्री एसोसिएशन्स में शामिल थे। इसके अलावा वे प्रधानमंत्री के भारत-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी रह चुके थे।
जानिए कौन थे शशि रुइया?
शशि रुइया ने भाई रवि रुइया के साथ 1969 में एस्सार ग्रुप की स्थापना की थी। बतौर एंटरप्रेन्योर उन्होंने 1965 में अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में व्यापार जगत में कदम रखा था। एस्सार ग्रुप ने चेन्नई पोर्ट में एक आउटर ब्रेक वायर के निर्माण के साथ कामकाज शुरू किया था। यदि आज कंपनी के कार्यों पर नजर डाली जाए तो लगभग 50 से ज्यादा देशों में एस्सार ग्रुप का काम फैला हुआ है। आज एस्सार ग्रुप एनर्जी, मेटल एंड माइनिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और सर्विसेज के सेक्टर में काम करती है।
Shri Shashikant Ruia Ji was a colossal figure in the world of industry. His visionary leadership and unwavering commitment to excellence transformed the business landscape of India. He also set high benchmarks for innovation and growth. He was always full of ideas, always… pic.twitter.com/2Dwb2TdyG9
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
जानकारी दे दें कि शशि रुइया को बिजनेस इंडिया बिजनेसमैन ऑफ द ईयर अवार्ड 2010 से भी सम्मानित किया जा चुका था। वहीं उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको याद करते हुए कहा कि ‘शशि रुइया उद्योग जगत में एक दिग्गज हस्ती थे। वे दूरदर्शी नेतृत्व और उत्कृष्ट के प्रति अटूट प्रतिबद्धता रखते थे और भारत के व्यापार परिदृश्य को उन्होंने बदला है।’ दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने शशि रुइया के निधन को बेहद दुखद बताया है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखते हुए कहा कि “उन्होंने इनोवेशन और विकास के लिए उच्च मानक भी स्थापित किए। वह हमेशा विचारों से भरे रहते थे और हमेशा इस बात पर चर्चा करते थे कि हम अपने देश को कैसे बेहतर बना सकते हैं।”