ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर नगर निगम (Gwalior muncipal Corporation ) पिछले कुछ दिनों से प्रदेश की सबसे चर्चित नगर निगम बन गई है। पहले पूर्व सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को EOW ने 5 लाख की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया। फिर कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री (Cheif Minister) ने नाराज होकर नगर निगम आयुक्त (Muncipal Commisioner) की छुट्टी कर दी। उसके बाद संपत्ति कर संग्राहक का रिश्वत मांगते वीडियो वायरल हुआ जिसे निलंबित किया गया और आज एक ऑडियो वायरल (Audio Viral) होने के बाद प्रशासक ने सहायक आयुक्त को निलंबित (Suspend) कर दिया।
ग्वालियर नगर निगम के पूर्व सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा का 50 लाख का घूस कांड जिसम वे 5 लाख की रिश्वत लेते हुए EOW द्वारा रंगे हाथ पकड़े गए थे उसकी गूंज अभी भी नगर निगम के गलियारों में सुनाई दे रही है लेकिन उसके बाद जनवरी के पहले सप्ताह की तीन तारीखें 4 जनवरी, 7 जनवरी और आज 8 जनवरी भी चर्चा का विषय बन गई हैं।
दरअसल गुरुवार रात से एक ऑडियो क्लिप नगर निगम के गलियारों के अलावा शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस ऑडियो में सहायक संपत्ति कर आयुक्त नागेंद्र गुर्जर और उनके स्टेनो करण वर्मा के बीच की बातचीत है। ऑडियो के मुताबिक सहायक आयुक्त नागेंद्र गुर्जर करण को फोन लगाते हैं और उससे करीब 17 मिनट बात करते हैं। बातचीत की शुरुआत वे किसी मुसलगांवकर को गाली देते हुए करते हैं ऑडियो में वे अपने स्टेनो एवं कंप्यूटर ऑपरेटर करण से विभागों के बंटवारे, मंत्री से सिफारिश, रोज 10 हजार रुपये की रिश्वत का ठेका लेने और उसे रिश्वत के लिए फ्री हैंड करने और नगर निगम के उपायुक्त डॉ प्रदीप श्रीवास्तव पर जानलेवा हमले की प्लानिंग पर चर्चा कर रहे हैं। दोनों के बीच बातचीत में सहायक आयुक्त के द्वारा कई बार गालियों का प्रयोग भी किया गया है। सहायक आयुक्त अपने स्टेनो से कह रहे हैं कि मुझे कमिश्नर(पूर्व) साहब ने बंगले बुलाया था कह रहे थे कि मुझपर बहुत दबाव है ये लोग(मुसलगांवकर और प्रदीप श्रीवास्तव) मंत्री से दबाव डलवा रहे हैं लेकिन मैं सब देख लूंगा।
सहायक आयुक्त नागेंद्र गुर्जर और स्टेनो करण वर्मा उपायुक्त डॉ प्रदीप श्रीवास्तव के खिलाफ अपशब्द कहते हुए, उन्हें लड़कियों द्वारा और चतुर्थ श्रेणि कर्मचारियों द्वारा हरिजन एक्ट के किसी मामले में फंसवाने की प्लानिंग करते सुनाई दे रहे हैं। बातचीत में दोनों प्रदीप श्रीवास्तव पर हमले की प्लानिंग करते सुनाई दे रहे हैं। नागेंद्र गुर्जर कह रहे हैं कि हॉकीयों से पिटवाना है, करण कह रहा है मैंने पूरा इंतजाम कर दिया है। जिन लोगो को प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा था ना कि गले में पट्टा डालकर घुमाउंगा उसे वही मारेंगे।
ऑडियो के अंतिम हिस्से में विभागो के बंटवारे और रिश्वत की व्यवस्था पर दोनों की बात हो रही है। सहायक आयुक्त नागेंद्र स्टेनो करण से कह रहे हैं मेरे एक लड़की है तेरे भी एक लड़की है हमें उसकी शादी भी करनी हैं इसलिए मुझे तो भी रोज 10,000 की व्यवस्था हो जाए बाकी तू रख ले। तू तो 10,000 का ठेका ले ले बाकी तू जो कमाए वो अपनी टीम के साथ बांट लेना मैंने तुझे फ्री हैंड कर दिया। हालांकि वायरल ऑडियो की पुष्टि एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं करता। ये जांच का विषय है कि जो ऑडियो वायरल हुआ है उसमें जिन दो लोगों के बीच बात हो रही है वो सहायक संपत्ति कर आयुक्त नागेंद्र गुर्जर और उनका स्टेनो करण वर्मा की आवाज़ है कि नहीं। बहरहाल वायरल ऑडियो भोपाल तक पहुँच गया । मुख्यमंत्री ने इसपर नाराजगी जताई उसके बाद नगर निगम प्रशासक एवं संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना ने सहायक आयुक्त के निलंबन के आदेश प्रभारी आयुक्त नरोत्तम भार्गव को दे दिये जिसके बाद सहायक संपत्ति कर आयुक्त नागेंद्र गुर्जर को निलंबित कर दिया गया।
गौरतलब है कि इससे पहले नगर निगम के आउट सोर्स कर्मचारियों द्वारा वेतन ना मिलने से नाराज होकर सड़क पर कचरा फेंका जाना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने 4 जनवरी को कलेक्टर कमिश्नर कॉंफ़्रेंस में ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन को वीसी में ही आदेश कर हटा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बहुत हो गया, इनकी छुट्टी कर दो।
कमिश्नर की जिस तरह से रवानगी हुई उसकी चर्चा शहर मे चल ही रही थी कि नगर निगम के संपत्ति कर विभाग के कर संग्राहक यानि TC योगेंद्र श्रीवास्तव का वीडियो कल 7 जनवरी को वायरल हुआ जिसमें वे खुले आम संपत्ति के नामांतरण के लिए पांच सात हजार की रिश्वत लेने की बात स्वीकार कर रहे हैं। योगेंद्र कह रहे हैं कि कौन नहीं लेता रिश्वत क्या कमिश्नर नहीं लेते क्या उपायुक्त संपत्ति कर अरोरा जी (जगदीश अरोरा) नहीं लेते। योगेंद्र अपने अन्य साथ कर संग्राहकों के नाम भी लेते हैं। वीडियो वायरल होने के बाद प्रभारी निगम आयुक्त ने योगेंद्र श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया। गुरुवार को इस वीडियो की चर्चा शांत भी नहीं हो पाई थी कि देर शाम नागेंद्र गुर्जर और करण वर्मा की बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया।
बहरहाल इन ऑडियो वीडियो के वायरल होने के बाद इतना तो साफ हो गया है कि ये सब नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन के समय भी मौजूद था और उनके संरक्षण में ही फला फूला। अब चूंकि उनकी छत्र छाया अब भृष्टाचारियों से हट गई तो पीड़ित ये वीडियो ऑडियो वायरल कर रहे हैं। क्योंकि उन्हे मालूम था कि माकिन साहब ले रहते सब मामले दब जायेंगे।