भोपाल की प्राचार्य डॉ उषा खरे दिखेंगी KBC के कर्मवीर एपीसोड में, शिक्षा के क्षेत्र में किए गए काम को लेकर हुआ चयन

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कौन बनेगा करोड़पति (Kaun Banega Crorepati) के कर्मवीर एपिसोड (Karmveer Episode) जो कि 18 दिसंबर यानी कि आज प्रसारित होने जा रहा है उसमें मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) के जहांगीराबाद क्षेत्र के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (Government Girls Higher Secondary School) की प्राचार्य डॉ उषा खरे (Principal Dr. Usha Khare) को शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए चयनित किया गया है।

डॉ उषा खरे सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के सामने हॉट सीट (Hot Seat) पर बैठकर सवालों के जवाब देती नजर आएंगी। डॉक्टर उषा खरे का शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के चलते चयन हुआ है। साल 2017 में भी डॉक्टर खरे को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान (National Teacher Award) मिल चुका है। इसके साथ ही उन्हें राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान (State level teacher award) से भी सम्मानित किया गया है। डॉ उषा खरे द्वारा एक सरकारी स्कूल को हाईटेक की श्रेणी (Hitech Division) में लाया गया है।।

उनके स्कूल में विद्यार्थी टैबलेट (Tablet) के माध्यम से अपनी पढ़ाई करते हैं। स्कूल का पूरा कोर्स टैबलेट (Tablet) पर उपलब्ध है। जिसके जरिए छात्राएं अपनी पढ़ाई करती हैं। साल 2011 में वह इस स्कूल में पदस्थ हुई थी, तब स्कूल में मात्र 400 छात्राएं पढ़ाई करती थी। वहीं अब स्कूल में 1200 छात्राएं पढ़ाई कर रही है। स्कूल की करीब 300 छात्राओं को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी (Microsoft company) की तरफ से निशुल्क सर्टिफिकेशन कोर्स (Free certification course) करने के बाद से नौकरी के भी प्रस्ताव मिले हैं। इस स्कूल की छात्राएं जबरदस्त अंग्रेजी बोलती हैं।

वही कर्मवीर एपिसोड में चुने जाने को लेकर डॉ उषा खरे का कहना है कि हर अचीवमेंट अपने साथ एक नई चुनौती लाता है। मेरे कर्मवीर के रूप में चयन होने के बाद से मेरी जिम्मेदारी अब और बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि साल 1985 में उनकी पहली पोस्टिंग ऐसे गांव में हुई थी, जहां लाइट भी नहीं थी। वे बताती हैं कि उनका तीन दशक सिर्फ व्यवस्थाओं को ठीक करने की कोशिश में गुजरा है। उन्होंने काफी संघर्ष किया है।

डॉ खरे का कहना है कि उनका फोकस हमेशा इनोवेशन और छात्राओं की शिक्षा पर रहा है। बालिका शिक्षा के क्षेत्र में आज के समय में भी बहुत सी भ्रांतियां और चुनौतियां है, लेकिन जागरूकता के साथ और निरंतर प्रयास के साथ इसके समाधान पर भी काम किया जाए तो कोई भी समस्या या चुनौती बड़ी नहीं रहती। आज के टाइम में बेटियां हर क्षेत्र आगे है और लगातार आगे बढ़ रही है।

डॉ उषा खरे का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए काम के आधार पर भारत सरकार की तरफ से केबीसी की टीम को उनकी जानकारी दी गई थी। जिसके बाद टीम ने उनको फोन किया और उनके चयनित होने की जानकारी दी।  साथ ही केबीसी की टीम द्वारा उनसे डिटेल ली गई, जिसके बाद टीम भोपाल आई और स्कूल में शूटिंग की। प्राचार्य बताती है कि उनका और बच्चों का इंटरव्यू भी लिया गया, जिसके बाद उन्हें शूटिंग के लिए मुंबई बुलाया गया। वही जीती गए पैसे को लेकर उषा ठाकुर बताते हैं कि शो प्रसारित होने से पहले जीती हुई रकम के बारे में वह नहीं बता सकती, लेकिन उनका कहना है कि वो जीती हुई रकम का उपयोग बच्चों की शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए करेंगी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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