भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| मध्य प्रदेश (Madhyapradesh) में कोरोना संकट (Corona Crisis) के चलते मार्च महीने से बंद स्कूलों को फिर से खोला जाएगा| कक्षा 10 वीं और 12 वीं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल (School) आगामी 18 दिसंबर से नियमित रूप से पूरे निर्धारित समय तक के लिए संचालित होंगी| स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इन्दर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) ने यह बड़ा फैसला लिया है|
दरअसल , सोमवार को मंत्री इन्दर सिंह परमार ने स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई थी| मंत्री श्री परमार ने स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं| उन्होंने कहा है कि कक्षा 10 वीं और 12 वीं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल आगामी 18 दिसंबर से नियमित रूप से पूरे निर्धारित समय तक के लिए संचालित होंगी ।
यह निर्णय बोर्ड की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है । 9वीं और 11वीं की कक्षाएं शुरु करने का फैसला जिला स्तर पर छोड़ दिया है। वहां विद्यार्थियों के नामांकन और उपलब्ध अध्यापन कक्ष के आधार पर प्राचार्य द्वारा स्थानीय स्तर पर निर्णय लिया जा सकेगा|
समीक्षा बैठक में दिए यह निर्देश
राज्य मंत्री श्री परमार ने विभागीय समीक्षा कें दौरान दिए गए निर्देशों पर की गई विभागीय तैयारियों और कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी ली। श्री परमार ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोड मैप अंतर्गत विभागीय डैशबोर्ड और कार्ययोजना को समायबद्ध तरीके से संचालित करने के निर्देश दिए। श्री परमार ने निर्देश दिए कि नई शिक्षा नीति के अनुसार बच्चों का पाठ्यक्रम तैयार करें। दूरस्थ क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखकर योजना तैयार करें । श्री परमार ने निर्देश दिए अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों के लिए ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल पर पंजीकरण की सुविधा दे और ऑनलाइन निगरानी कर प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करे। 1 वर्ष से अधिक समय से लंबित विभागीय जांच प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए समयबद्ध कार्य योजना बनाएं।
राज्यमंत्री श्री परमार ने आयुक्त लोक शिक्षण का नाम बदलकर आयुक्त स्कूल शिक्षा और लोक शिक्षण संचालनालय का नाम बदलकर स्कूल शिक्षा संचालनालय किए जाने का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। श्री परमार ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुसार अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को प्रमाण पत्र दिए जाएं। प्रदर्शन के आधार पर गोल्ड, सिल्वर और कांस्य श्रेणी तथा प्रमाण पत्र के लिए स्कूल सर्टिफिकेशन की व्यवस्था तैयार करें। हमारा घर हमारा विद्यालय अंतर्गत प्रत्येक सप्ताह अच्छा शिक्षण कार्य करने वाले शिक्षकों को प्रमाण पत्र दिए जाए। अभिभावकों से सीधे संवाद के लिए प्रदेश स्तरीय मेगा पेरेंट्स टीचर मीट आयोजित करें, इसमें स्कूल के पूर्व छात्रों को भी जोड़ा जाए। शिक्षकों की परफॉर्मेंस आधारित स्थानांतरण और युक्तियुक्तकरण नीति का प्रारूप तैयार करें।
श्री परमार ने अशासकीय स्कूल संचालको द्वारा बताई गई समस्याओं और मांगों पर विस्तृत चर्चा की तथा उनकी समस्याओं के शीघ्र निराकरण हेतु विभागीय स्तर पर प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि मौलाना आजाद केंद्रीय पुस्तकालय का आधुनिकरण करे और उसे सर्व सुविधा युक्त बनाए। प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को NIC पोर्टल और जिले स्तर पर किए गए सर्वे के आधार पर पाठ्य पुस्तक या वर्कबुक का वितरण करें, श्री परमार ने कहा सामाजिक संगठन और जिला प्रशासन के सहयोग से प्रवासी श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई और रहने की व्यवस्था करें।