नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार ने शिक्षको बनने वाले अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है।जहां नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET) एवं अन्य शिक्षक पात्रता परीक्षा मामलों में 7 साल की बाध्यता को खत्म कर दिया है। इसे खत्म करने के साथ ही शिक्षक पात्रता परीक्षाओं के प्रमाण पत्र केवल 7 वर्षों के लिए नहीं बल्कि जीवन भर के लिए वैध होंगे और इन में सफल होने वाले अभ्यर्थी हमेशा सरकारी शिक्षक बनने के लिए योग्य माने जाएंगे।
दरअसल बुधवार को नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने सीटेट के लिए बड़ा फैसला लिया है। जहां विद्यार्थियों को 7 साल में टीईटी (TET) पास करने की जरूरत नहीं होगी। केंद्र सरकार ने 7 साल की बाध्यता को समाप्त करते हुए सीटेट पास करने वाले अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र को जीवन भर के लिए मान्य कर दिया है।
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन के चेयरमैन विनीत जोशी ने कहा टीईटी जीवन भर के लिए वैध कर दिया गया है। टीईटी प्रमाण पत्र से अभ्यर्थी हमेशा सरकारी शिक्षक बनने के योग्य माने जाएंगे। वहीं उन्होंने कहा की व्यवस्था पूरे देश में लागू होगी। इसके साथ ही जो छात्र पहले टीईटी पास कर चुके हैं। उस मामले में एनसीटीई कानूनी सलाह के बाद फैसला करेगी।
बता दें कि इससे पहले शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद स्कूल शिक्षा में टीईटी का प्रावधान किया गया था। जहां शिक्षक अहर्ता परीक्षा में सफल विद्यार्थियों के प्रमाण 7 वर्षों के लिए मान्य हुआ करते हैं यानी टीईटी में सफल अभ्यर्थी अगर 7 वर्षो के अंदर शिक्षक नियुक्त नहीं होता तो उसे दोबारा टीईटी परीक्षा पास करनी होती थी। जिससे अभ्यर्थियों को खासा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था।
अब केंद्र सरकार द्वारा इस समय सीमा को खत्म कर दिया गया है। जिसकी वजह से उन्हें दोबारा टीईटी पास करने की जरूरत नहीं होगी और पहले की ही चयनित प्रमाण पर वह उम्र भर के लिए शिक्षक बनने के पात्र हो जाएंगे। हालांकि एनसीटीई ने अभी संबंध में कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया है लेकिन जल्दी इसके जारी होने की उम्मीद है।