Bird Flu Risk : MP में बढ़ा बर्ड का फ्लू खतरा, 8 जिलों में हुई पुष्टि

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। केरल, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के साथ ही मध्य प्रदेश में भी बर्ड फ्लू (Bird flu) का खतरा मंडराने लगा है। जहां कौओं के बाद अब चिकन में भी बर्ड फ्लू (Bird flu) होने की पुष्टि हुई है। जिसकी संख्या लगातार बढ़ने लगी है। बता दें कि 1 दिन पहले ही करीब 6 जिलों में बर्ड फ्लू (Bird flu) की शिकायत मिली थी, जो अब 8 जिलों में देखने को मिल रहा है। इस संबंध में पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) ने भी पुष्टि की है। जिसमें इंदौर और नीमच (Indore and Neemuch) जिले में चिकन में बर्ड फ्लू (Bird flu) होने की आशंका जताई जा रही है।

इंदौर और नीमच जिले से लिए गए सैंपल

इंदौर और नीमच जिले में चिकन में बर्ड फ्लू (Bird Flu in Chicken) की आशंका होने पर दुकानों से चिकन का सैंपल लिया गया। जिसमें बर्ड फ्लू (Bird Flu) पाया गया है। जिसकी जांच भोपाल (Bhopal) की हाई सिक्योरिटी एनिमल लैब (High Security Animal Lab) में हुई है। बता दें कि जांच में बर्ड फ्लू (Bird Flu) का H5N8 स्ट्रेन मिला है। जिन दुकानों के चिकन में बर्ड फ्लू (Bird Flu) की पुष्टि हुई है। उन दुकानों के 1 किलोमीटर के दायरे के सभी चिकन शॉप और मीट शॉप को बंद करने का फैसला किया गया है।

प्रदेश में बढ़ रहा बर्ड फ्लू का खतरा

मध्य प्रदेश के पशुपालन विभाग के निदेशक आरके रोकड़े (Animal Husbandry Department Director RK Rokade) ने कहा कि मध्यप्रदेश के 8 जिलों में अब तक बर्ड फ्लू (Bird Flu) की पुष्टि हुई है। जिसके चलते हम चिकन शॉप से सैंपल ले रहे है और इसके स्रोत का पता लगाएंगे। उन्होंने कहा कि इसी कारण एक किलोमीटर के अंदर आने वाले सभी चिकन शॉप को 7 दिनों तक बंद करने का निर्णय लिया गया है।

सैंपल्स का हाई सिक्योरिटी लैब में हो रही जांच

मध्य प्रदेश के पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) ने कहा कि अब तक 10 जिलों से पक्षियों की मौत होने का मामला सामने आया है। जिसके बाद करीब 22 जिलों से सैंपल भोपाल की हाई सिक्योरिटी लैब (High Security Animal Lab) में जांच के लिए भेज दिए गए हैं। जिसमें मंदसौर, इंदौर, आगर, नीमच, देवास, खरगोन, खंडवा, गुना इन जिलों से कौओं की मृत्यु होने की खबर मिली है। वहीं खंडवा में कौओं के साथ बगुलों की भी मृत्यु होने का मामला सामने आया है।

अभी अंडा और चिकन खाना खतरनाक

पशुपालन विभाग के निदेशक आरके रोकड़े ने कहा कि चिकन में बर्ड फ्लू के लक्षण मिलने के बाद अभी सैंपल जांच के लिए भोपाल के हाई सिक्योरिटी लैब (High Security Animal Lab) में भेजे गए है। जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाते तब तक अंडा या चिकन खाना सेहत के लिए हानिकारक है। इस संबंध में केंद्र सरकार ने भी गाइडलाइन जारी की है। जिसके अनुसार 70 डिग्री सेल्सियस में अंडा और चिकन को उबालकर उपयोग में लाया जा सकता है।

सरकार है पूरी तरह से सजग : CM शिवराज

वहीं मध्यप्रदेश में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ता जा रहा है। जिसे देखते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘मैंने अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए हैं। घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, स्थिति की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। सरकार पूरी तरह से सजग है।

7 दिनों तक रहेंगे चिकन शॉप बंद

सीएम शिवराज ने कहा कि ‘इंदौर एवं नीमच में 2 केस में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, मुर्गियों के सैंपल्स दुकानों से लिए गए थे। जिलों में चिन्हांकित स्थानों से 1 किलोमीटर दायरे में सभी दुकानें, चिकन मार्केट 7 दिनों के लिए तत्काल बंद कर दिए जाए। 10 किलोमीटर की परिधि में सर्विलांस की जाए, इसके निर्देश मैंने दिए हैं।’

अब तक हो चुकी है 400 से अधिक पक्षियों की मौत

मध्यप्रदेश में बर्ड फ्लू का संकट गहराता जा रहा है। जिसे देखते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पोल्ट्री फॉर्म को दिशा-निर्देश जारी कर दिए है। साथ ही दक्षिण के राज्य से होने वाले चिकन के कारोबार पर 10 दिनों के लिए रोक लगा दी है। 23 दिसंबर से अब तक प्रदेश में लगभग 400 से ज्यादा पक्षियों की मौत हो चुकी है। जिसके चलते प्रदेश सरकार ने बैठक कर अलर्ट जारी कर दिया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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