मुरैना।संजय दीक्षित
उपचुनाव को लेकर मुरैना शहर में व्यापारियों ने बवाल खडा कर दिया है, बाजार के कई हिस्सों में बडे-बडे पोस्टर लगाए गए हैं जिसमें खुलकर लिखा गया है कि हमारे पास वोट मांगने न आये। यह मामला तब उभर कर आया जब लोगों को पता चला कि करोडों रूपये की राशि लेकर पूर्व विधायक या जो प्रत्याशी चुनाव में आने वाले हैं उन्होंने दल बदल लिया है अब वो चुनाव में प्रत्याशी बनकर जनता के सामने जाना चाहते हैं। जनता ने ऐसे चुनावों का बहिष्कार कर दिया है। जिसमें लिखा गया है कि सौदेबाजी कर दल बदल करने वाले अथवा चुनाव की आग में जनता को झौंकने वाले लोग वोट मांग कर शर्मिंदा न करें।
पोस्टर लगाने के कई कारण समझे जा रहे हैं लेकिन इन पोस्टरों को बाजार में प्रचार के लिए किसने पहुंचाया इसका भी पता लगाया जा रहा है। फिलहाल उपचुनावों को लेकर जहां राजनैतिक दल अपने-अपने प्रत्याशियों के चयन में जुटे हुए हैं और वहीं चुनाव की तिथि भी कभी भी घोषित की जा सकती है ऐसे में जनता के विरोधी स्वर पोस्टर के माध्यम से खुलकर पटल पर आना राजनैतिक दलों की नींद उडाने वाली बात सामने आती है कि इन विरोधी अपवादों को शांत कर जनता में अपने विश्वास को कैसे जगा पायेंगे। एक वर्ष पूर्व ज्योतिरादित्य सिंधिया के आव्हान पर कांग्रेस पार्टी के बैनर तले जिले की जनता ने खडे हुए सभी प्रत्याशियों को कांग्रेस की झोली में डाला था।
यह इतिहास जनता ने आजादी के साठ वर्ष बाद रचा जिसका सीधा मतलब था कि पिछली 15 वर्ष की भाजपा सरकार से जनता तंग आ चुकी थी और उसे बदलाव चाहिए था। जनता का प्रयास सार्थक हुआ कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन एक साल बाद ही घटनाक्रम ने मोड लिया, एक वर्ष तक कमलनाथ सरकार ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के शान और सौकत को गिराने का प्रयास किया तो उन्होंने भी सरकार गिराने का फैसला कर लिया। अपने 22 विधायकों के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए और कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आकर सत्ता से बाहर हो गई। शहर के बाजार में चुनाव का विरोध करते हुए लोगों ने दुकानों पर पोस्टर चस्पा कर दिये जिसको लेकर राजनैतिक दलों में हडकम्प मच गया है।