कोरोना काल में नाक और गले को संक्रमण से बचाने के सिविल सर्जन ने बताएं उपाय

Kashish Trivedi
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना का सबसे पहला असर नाक और गले के माध्यम से होता है। कहा जाता है कि इसका वायरस नाक या मुंह के माध्यम से गले में लगभग चार दिन तक रहता है और उसके बाद फेफड़ों में जाता है। ऐसे में सीहोर के सिविल सर्जन डा. आनंद शर्मा ने नाक और गले को संक्रमण से बचाने का सहज और सरल तरीका बताया है।
कोरोना का पहला अटैक नाक या मुंह के माध्यम से होता है और इसीलिए मास्क लगाने की सलाह दी जाती है।

यह भी कहा जाता है इसका वायरस गले में परिपक्व होता है और उसके बाद फेफङो मे जाता है। यदि पहली स्थिति में इसे समाप्त कर दिया जाए तो कोरोना से बचा जा सकता है। सीहोर के सिविल सर्जन डॉ आनंद शर्मा ने नाक और गले को संक्रमण से बचाए रखने का सरल उपाय बताया है। इस क्रिया को नेति कहा जाता है। डा.शर्मा का कहना है कि नाक के माध्यम से बहुत सारे वायरस इत्यादि शरीर में प्रवेश करते हैं।

Read More: बीजेपी विधायक ने मुख्यमंत्री से स्वेच्छानुदान राशि एक करोड़ करने का किया निवेदन

साथ ही साथ गले में कई ऐसे एंजाइम पनप जाते हैं जो भोजन के माध्यम से जाते है। यदि ऐसे मे नेति क्रिया की जाए तो नाक और गले को संक्रमण मुक्त रखा जा सकता है। इस सहज और सरल उपाय में एक बर्तन में 40 डिग्री के ऊपर गर्म पानी लेकर उसमें एक चुटकी नमक मिलाया जाता है और फिर एक टोटीदार पात्र के माध्यम से उसे एक नाक से लेकर दूसरी नाक के माध्यम से निकाला जाता है।

इस क्रिया में मुह थोड़ा सा खुला रहना चाहिए ताकि ऑक्सीजन अंदर जा सके। है यही क्रिया दूसरी नाक के लिए की जानी चाहिए। यदि दिन और रात दो बार इस क्रिया को किया जाए तो नाक और गले के संक्रमण से बखूबी बचा जा सकता है। 61 वर्षीय डॉ आनंद शर्मा वर्षों से इसे कर रहे हैं और स्वस्थ बने हुए हैं।


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News