भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhaan) अपने मंत्रिमंडल cabinet का गठन करने के बाद अब विभागों (departments) का बंटवारा कर दिया है।कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा को गृह और स्वास्थ विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।वही कमल पटेल को कृषि, गोविन्द सिंह राजपूत को खाद्य नागरिक आपूर्ति, मीना सिंह को आदिम जाति कल्याण और तुलसी सिलावट को जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।शिवराज इस संबंध में राज्यपाल लालजी टंडन के पास लिस्ट लेकर पहुंचे थे, जहां राज्यपाल से चर्चा के बाद उन्होंने सभी पांचों मंत्रियों को विभागों की जिम्मेदारी सौंपी।
खास बात ये है कि शिवराज सरकार में शामिल होने के बाद सिंधिया समर्थक मंत्रियों के विभागों में बदलाव किया गया है। पहले कमलनाथ सरकार में तुलसी सिलावट स्वास्थ्य मंत्री और गोविंद राजपूत परिवहन मंत्री थे, लेकिन अब सिलावट को जल संसाधन का और राजपूत को खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग का जिम्मा सौंपा गया है।इसमें सबसे अहम भूमिका निभाने वाले नरोत्तम मिश्रा को दो बडे विभागों की जिम्मेदारी दी गई है।माना जा रहा है कि मौजूदा हालातों को देखते हुए ये फैसला लिया गया है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों के विभागों की घोषणा करते हुए कहा कि अभी कोरोना की वजह से 5 मंत्रियों को ही कैबिनेट में शामिल किया गया है। 3 मई के बाद लॉकडाउन खुलने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, जिसमें फिर विभागों का वितरण किया जाएगा।
इसके पहले मंत्रियों को संभागों की जिम्मेदारी दी गई थी। जिसमें कैबिनेट मंत्री नरोत्तम को भोपाल-उज्जैन संभाग, तुलसी सिलावट को इन्दौर-सागर, गोविन्द राजपूत को चंबल-ग्वालियर ,मीना सिंह को रीवा-शहडोल और कमल पटेल को होशंगाबाद-नर्मदा पुरम संभाग का जिम्मा सौंपा गया था।ये सब डिविजनल कमिश्नर, आईजी एसपी कलेक्टर स्वास्थ्य विभाग के साथ स्थानीय स्तर पर कोआर्डिनेशन करेंगे। जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद और बैठ के जनता से फीडबैक लेंगे। इतना ही नही समय समय पर अधिकारियों को निर्देशित भी करेंगे।इसके अलावा जहां जहां निर्माण कार्य शुरू होंगे और खासकर कृषि से संबंधित काम पर फोकस करेंगे।
बता दे कि मंगलवार सुबह राजभवन में पांच मंत्रियों को शपथ दिलाई गई, जिसमें भाजपा के वरिष्ठ विधायक नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल और मीना सिंह मंत्री बने। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।लेकिन किसी भी मंत्री में विभागों का बंटवारा नही किया गया था जिसको लेकर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा था। पूर्व मुख्यमंत्री ने तो यहां तक कह दिया था कि एक माह बाद मंत्रिमंडल का गठन वो भी सिर्फ 5 मंत्री, कोई विभाग का बंटवारा नहीं। इसी से समझा जा सकता है कि भाजपा में कितनी अंतर्कलह चल रही है।वही कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा था कि मध्य प्रदेश आज भी स्वास्थ्य मंत्री विहीन है।