इस मौके पर सीएम ने कहा कि परहित सरिस धर्म नहि भाई। भूखे को भोजन कराने से बड़ा पुण्य का कोई दूसरा काम नहीं है। रसोई में स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन मिले, इसके लिए समाज व सरकार मिलकर कार्य करेंगे।पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी कहते थे कि मुझे पता नहीं कि पूजा-पाठ, व्रत और तपस्या करने से भगवान प्रसन्न होंगे कि नहीं, लेकिन मैं यह जानता हूं कि यदि दरिद्र के आंसू पोंछ दिये, तो ईश्वर अवश्य प्रसन्न हो जायेंगे। दरिद्र ही नारायण हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रोटी, कपड़ा, मकान, पढ़ाई-लिखाई और दवाई बुनियादी जरूरतें हैं। कहा भी गया है भूखे भजन न हो गोपाला। अन्न ही ब्रह्म है। अपने गाँव छोड़कर शहरों में आने वाले श्रमिक और अन्य लोग अपना और बच्चों का आसानी से पेट भर सकें, इस दृष्टि से रसोई केन्द्र उपयोगी हैं। वर्ष 2017 से प्रारंभ इस योजना का विस्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिला मुख्यालयों के अलावा प्रमुख धार्मिक पर्यटन नगर योजना में जोड़े गए हैं। इसके अलावा अन्य कस्बों, नगरों में भी रसोई केन्द्र प्रारंभ किए गए हैं। इनका विस्तार किया जाए। यह मानवता के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना काल में भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर मध्यप्रदेश से होकर जाने वाले प्रवासी मजदूरों के भोजन की व्यवस्था की गई थी। सरकार ने संबल और अन्य अनेक योजनाएँ प्रारंभ की हैं, जो गरीबों के लिए अनाज, उनके इलाज और दुर्घटना की स्थिति में आर्थिक सहयोग जैसे सभी आवश्यक प्रबंध करती हैं। प्रदेश में गरीबों के उपचार के लिए दो करोड़ आयुष्मान कार्ड वितरित किए गए हैं। इसमें चिन्हित अस्पतालों में व्यक्ति को 5 लाख रुपए तक के उपचार की सुविधा उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सभी गरीबों को आने वाले तीन वर्ष में पक्की छत मिलेगी। प्रदेश के करीब 3 लाख स्ट्रीट वेण्डर्स को अपना कारोबार विकसित करने के लिए 10 हजार रूपए प्रति हितग्राही के मान से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया गया है।गरीबों की भोजन व्यवस्था और उन्हें सहायता देने से दुआएँ मिलती हैं। यह कार्य सरकार, सामाजिक संस्था और व्यक्तिगत स्तर पर सभी प्रकार से किया जाना चाहिए।
इन जिलों को मिलेगा लाभ
इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर उज्जैन, मुरैना, छतरपुर जिले के लाभार्थियों से भी संवाद किया। इस चरण में 52 जिला मुख्यालय और 6 धार्मिक नगर अंत्योदय रसोई योजना के तहत रसोई केंद्रों का उद्घाटन किया गया, जिसमें मेहर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, अमरकंटक, ओरछा और चित्रकूट शामिल हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सतत निगरानी के लिए पोर्टल (portal) का भी लोकार्पण किया, जिनमें लाभार्थियों की संख्या, रसोई केंद्रों का विवरण और ऑनलाइन केंद्र को देने वाली जन सामान्य सुविधा की जानकारी उपलब्ध होगी। सभी रसोई केंद्रों को गूगल मैप (google map) पर टैग भी किया जाएगा। जिससे लोगों को रसोई केंद्रों को ढूंढने में आसानी हो।
मंत्रियों ने किया 10 लाख का सहयोग
मुख्यमंत्री चौहान की उपस्थिति में खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह और खनिज निगम के अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल ने निगम की ओर से 10 लाख रूपए की राशि सीएसआर के तहत दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के क्रियान्वयन के लिए सहयोग स्वरूप प्रदान की। इसके साथ ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने मध्यप्रदेश इलेक्ट्रानिक विकास निगम की ओर से 10 लाख रूपए की राशि का चेक नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह और राज्य मंत्री श्री ओ.पी.एस. भदौरिया को प्रदान किया।
लघु फिल्म का प्रदर्शन
मुख्यमंत्री चौहान ने योजना के लिए बनाए गए पोर्टल का लोकार्पण किया। इस पोर्टल से योजना का नियमित और सतत पर्यवेक्षण किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने योजना के क्रियान्वयन में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग की सराहना की।शुभारंभ समारोह में योजना के क्रियान्वयन पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। लघु फिल्म में योजना का लाभ लेने वाले हितग्राहियों के साक्षात्कार शामिल किए गए हैं। यह फिल्म पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय के विचार और मुख्यमंत्री चौहान द्वारा उसके मध्यप्रदेश में क्रियान्वयन पर केन्द्रित है।
ऐसी रहेगी भोजन की व्यवस्था
इस मामले में नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसी जरूरतमंद की थाली नहीं रहेगी खाली है ।इस योजना के तहत 10 प्रति थाली सोमवार से शनिवार तक भोजन उपलब्ध कराए जाएंगे वहीं भोजन वितरण का समय सुबह 10:00 से दोपहर 3:00 बजे तक रहेगा। बता दें कि यह रसोई केन्द्र बस स्टैंड, रेलवे स्टैंड, जिला अस्पताल के पास स्थापित किए गए हैं। इस योजना का लाभ गांव से मजदूरी के लिए शहर आने वाले लोगों को होगा।