जबलपुर मेडिकल कॉलेज की सहायक अधीक्षक को सीएमओ ने दी जान से मारने की धमकी

Gaurav Sharma
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जबलपुर, संदीप कुमार। नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल कॉलेज में  आज उस समय हंगामा मच गया जब मेडिकल की सहायक अधीक्षक को जान से मारने की धमकी सीएमओ द्वारा अधीक्षक कार्यालय में दी गई। पूरी घटना के गवाह अधीक्षक सिर्फ इस प्रकरण में देखते रहे बाद में सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर मामले को शांत कर दिया गया।

इसलिए हुआ विवाद

मेडिकल अधीक्षक कार्यालय में सहायक अधीक्षक, केजुल्टी प्रभारी डॉ. रिचा शर्मा किसी मामले पर अधीक्षक राजेश तिवारी से चर्चा कर रही थी, उसी वक्त सीएमओ डॉ. ताजदार चौधरी पहुंच गए और एक नोटिस को लेकर महिला सहायक अधीक्षक से बहस करने लगे। देखते ही देखते सीएमओ ने महिला डॉक्टर को जान से मारने की धमकी तक दे डाली।

हर मेडिकल अधिकारी को 15 दिन में  एक बार करनी होती है कार्यालय ड्यूटी

मेडिकल अस्पताल की चिकित्सक व्यवस्था के तहत प्रत्येक अधिकारी को 15 एक दिन कार्यालय में ड्यूटी करनी पड़ती है,परंतु सीएमओ लगातार इस ड्यूटी से गायब रहे थे। इसको लेकर अधीक्षक द्वारा सीएमओ को नोटिस जारी किया गया, अधीक्षक के नोटिस जारी करने पर सीएमओ को लगा कि यह सब महिला सहायक अधीक्षक करा रही है, इसी बात को लेकर सीएमओ ने भरे कार्यालय में सबके सामने महिला डॉक्टर को देख लेने की धमकी दी।

मेरी जान को खतरा है- जिम्मेदार होंगे सीएमओ

मेडिकल कॉलेज की सहायक अधीक्षक रिचा शर्मा ने इस घटना के बाद अधीक्षक राजेश तिवारी को शिकायत दी है, जिसमें कहा कि सीएमओ से उनकी जान को खतरा है। जिस तरह से सीएमओ धमकी देकर गए हैं इससे महसूस हो रहा है कि उनके साथ कुछ भी हो सकता है अगर ऐसा हुआ तो उसकी जिम्मेदारी मेडिकल प्रबंधन की होगी।

आपसी विवाद है,मेडिकल अधीक्षक का तर्क

इस पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज अधीक्षक राजेश तिवारी का कहना है कि आपसी बात को लेकर यह विवाद हुआ है, जिसको लेकर सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।उन्होंने भी माना कि शासकीय कार्यालय में इस तरह से सीएमओ को बात नहीं करनी थी।

पहली बार हुआ है इस तरह का घटनाक्रम

सहायक अधीक्षक अरविंद शर्मा ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में इस तरह की घटना पहली बार हुई हैं। डॉक्टर के पद पर होते हुए एक महिला इस तरह से बात करना ठीक नहीं था। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को गंभीरता से विचार करना चाहिए।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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