नीमच!श्याम जाटव
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को समय पर लाभ न देकर बाद में झूठी लोकप्रियता हासिल करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ! उक्त बात किसानों के हित में पूर्व विधायक नंदकिशोर पटेल ने कहते हुए इस बारे बताया कि भाजपा की प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के अल्पकालीन ऋण की ड्यू डेट शासन के आदेश क्रमांक 3- 4/ 2017 / 15-1 दिनांक 11-06- 2020 द्वारा 30 अगस्त कर दी गई है!
जिस ऋण को जमा करने की अंतिम तिथि 30 मई थी उसके बाद किसान डिफाल्टर हो जाते, उनके ऋण पर दंड -ब्याज लागू हो जाता व किसानों का खरीफ 2020 फसल के लिए खाद , बीज, नगद ऋण राशि नहीं मिल पाती जिससे किसानों द्वारा वित्तीय कठिनाइया होते हुए भी येन केन अपनी उपज को सस्ते में बेचकर उधारी पर ऊंचे ब्याज में राशि लेकर ऋण राशि जमा कराई एवं लगभग 90% किसानों द्वारा ऋण राशि जमा करा दी गई व लगभग 10% से कम किसान शेष रहे! उसके बाद मध्य प्रदेश शासन के सहकारिता विभाग द्वारा झूठी वाहवाही व नाबार्ड के निर्देशों के पालन हेतु 11 जुलाई को ऋण की ड्यू डेट बढ़ाई गई जो कि रिजर्व बैंक द्वारा 26 मई को ही बढ़ा दी थी किंतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा आदेश जारी नहीं किए !
पटेल ने ऋण प्रक्रिया की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि किसान द्वारा खरीफ 2019 में जो अल्पकालीन ऋण लिया था उसको जमा कराने की ड्यू डेट 28 मार्च 2020 थी! देश में कोरोना की वजह से 22 मार्च से पूरे देश में लॉक डाउन लागू हुआ व रिजर्व बैंक में नाबार्ड द्वारा 25 मार्च को ही सभी प्रकार के ऋणों की वसूली की डेट 30 मई तक बढ़ा दी गई , किंतु सहकारी संस्थाए शासन से कोई आदेश नहीं आने से किसानों को ऋण जमा कराने के नोटिस व वसूली की कार्यवाही करती रही वही किसान ऋण जमा कराने के तनाव में रहा! ड्यू डेट 28 मार्च से 30 मई करने का आदेश अधिकारिक रूप से 26 मार्च को जारी होना था वह मध्यप्रदेश शासन सहकारिता विभाग द्वारा 20 अप्रैल 2020 को जारी कर ड्यू डेट 30 मई की गई!
पटेल ने कहा इस सबसे प्रदेश सरकार की मंशा स्पष्ट झलकती है कि वह किसानों को कोई लाभ नहीं देना चाहती लेकिन वह अपने आप को किसान हितेषी प्रदर्शित करना चाहती है ! किसानों के गेहूं की शासकीय खरीदी की भी राशि किसानों को समय पर नहीं मिल रही हैं! उसमें से भी 50% राशि किसानों के ऋण में जमा की जा रही है स्थिति यह है कि जिन किसानों ने अप्रैल माह में गेहूं विक्रय किया उनकी 50% राशि बैंक ऋण में जमा कर ली गई ! किंतु शासन द्वारा सैकड़ों किसानों की उक्त राशि ड्यू डेट 31 मई तक भी बैंकों में नहीं पहुंचाई ! जिससे बैंक में अभी किसान का ऋण बकाया चल रहा है वह उन्हें नवीन ऋण ,खाद, बीज नहीं मिल पा रहा है ! गत वर्ष अत्यधिक वर्षा से किसानों की सोयाबीन नष्ट होने से उनके पास स्वयं का बीज उपलब्ध नही हैं व सहकारी संस्थाओं व बीज निगम में भी पर्याप्त मात्रा में बीज उपलब्ध नहीं है ! नंदकिशोर पटेल ने शासन से समस्त ऋणी किसानों को तत्काल नवीन ऋण, खाद व बीज वितरित करने की मांग की है!