Panna News : मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में विश्व प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व है। यह अपने जैविक विविधता के लिए जाना जाता है। इस घने जंगल में विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे पाए जाते हैं, जो लगभग 543 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसे किन घाटी का जंगल भी कहा जाता है। यहां बाघ के अलावा तेंदुआ, लकड़बग्घा, नील गाय, चौसिंगा, चीतल, सांभर और भालू जैसे जानवर पाए जाते हैं। इसके अलावा, सारस, गिद्ध समेत अन्य बहुत से दुर्लभ पक्षी भी यहां देखे जा सकते हैं।
एक समय पर यहां बाघों की संख्या शुन्य हो गई थी, जो कि एक गंभीर विषय था। फिर साल 2009 में टाइगर ट्रांसलोकेशन प्रोजेक्ट के तहत अन्य क्षेत्रों से यहां बाघों को लाया गया। इसके बाद यहां इनकी संख्या में काफी अधिक बढ़ोतरी देखने को मिली है। बता दें कि साल 2020 में पन्ना टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की बायोस्फीयर रिजर्व लिस्ट में शामिल कर लिया गया है।
अजीबोगरीब रहस्य
पन्ना टाइगर रिजर्व से जुड़ा एक अजीबोगरीब रहस्य है, जिसके बारे में शायद ही लोगों को पता होता है। दरअसल, यहां तमाम तरह के पेड़ पौधे पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ पेड़ ऐसे हैं जो काफी विशाल है। उन्हीं में से एक ऐसा पेड़ है, जिसे छूने पर गुदगुदी होती है। उसके तन या टहनी को सहलाने पर उसकी शाखाएं अपने आप हिलना शुरू हो जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पेड़ हिनौती रेंज में स्थित है।
लाफिंग ट्री
कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हुआ था, जिसमें देखा जा सकता था कि एक पेड़ हल्की सी गुदगुदी करने पर उसकी शाखाएं हिलने लगती थी। जांच पड़ताल की पुष्टि के बाद वह पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र में स्थित पेड़ पाया गया, जिसका नाम रेंडिया डूमिटोरम है। इसको लाफिंग ट्री भी कहा जाता है।
औषधीय पेड़
यह पेड़ अपने आप में किसी अजूबे से काम नहीं है। अमूमन इस तरह की घटनाएं बहुत कम देखने या सुनने को मिलती है। लाफिंग ट्री को मदनफल भी कहा जाता है, जिसका उपयोग चिकित्सा के लिए भी लोग करते हैं। इससे दमा, सर्दी, जलन जैसी बहुत सी बीमारियां सही हो जाती है। यह पेड़ अक्सर बहुत ही घने जंगलों में ही पाया जाता है। यह ज्यादातर दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में मिलेगा, जिसे छूने पर इसमें कंपन शुरू हो जाती है। इसे देखने के लिए पर्यटक दूर दराज से पहुंचते हैं।