नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। दुनिया भर में इस साल कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर देखने को मिला है। करोड़ों लोग अब तक कोरोना (corona) से अपनी जान गवा चुके हैं। जिसके बाद वैज्ञानिकों ने भी वैक्सीन (vaccine) की तैयारी शुरू कर दी थी। इसी बीच कोरोनावायरस के नए वेरिएंट (varient) मिलने से विश्व में एक बार फिर से हड़कंप मच गया है। जिसके बाद एक तरफ जहां ब्रिटेन (britain) के कई हिस्से में लॉकडाउन (lockdown) लगाया जा चुका है। वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी प्रशासन ने भी सावधानी बरतने की बात कही है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट मिलने पर भारत सरकार (Indian government) ने भी चिंता जताई है।
रविवार देर शाम भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Indian Ministry of Health) ने जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप (Joint monitoring group) के साथ उच्च स्तरीय बैठक की थी। बैठक में कोरोनावायरस के नए वेरिएंट पर चर्चा की गई। इसके साथ ही साथ नए वेरिएंट ने किस तरह ब्रिटेन के कई लोगों को तत्काल अपने प्रभाव में ले लिया। इस पर भी चर्चा की गई। कोरोना म्यूटेशन के भारत में आने से पहले भारत सरकार इससे निपटने के लिए योजना की तैयारी में जुट गई है।
Read More: MP Board – परीक्षा से पहले 10वीं-12वीं के छात्रों के सामने खड़ी हुई यह परेशानी
दिल्ली एम्स के कोरोना सेंटर हेड का बड़ा बयान
वही कोरोना के नए वेरिएंट के बारे में जानकारी देते हुए दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) के कोरोना सेंटर हेड (Corona center Head) राजेश मल्होत्रा ने भी चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि जब से चाइना में कोरोनावायरस का आगाज हुआ है। तब से अब तक 4000 बार यह वायरस म्यूटेशन मोड (Mutation mode) में जा चुका है। वहीं डॉक्टर का कहना है कि लगातार म्यूटेशन होने के साथ ही साथ वायरस में नए स्ट्रेन (Strain) मिलते हैं। जिससे ये और ताकतवर होता है। इसके बाद डॉक्टर ने चिंता जताई है कि अगर कोरोना के इस नए वेरिएंट के जीन (Jean) में बदलाव हुआ है तो अब तक बनाई गई वैक्सीन कोरोना के इस नए वेरिएंट पर कम असरदार हो जाएगी। हालांकि अभी तक इस पर जांच की जा रही है।
लगा लॉकडाउन
बता दे कि ब्रिटेन में पिछले दिनों कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट आने से काफी संख्या में लोग संक्रमित हो गए। इसके बाद बड़ी संख्या में 1 दिन में संक्रमित मरीज सामने आए हैं। इसके साथ ही साथ ब्रिटेन के कई हिस्से में लॉकडाउन (lockdown) लगा दिया गया है। ब्रिटेन सरकार के वैज्ञानिकों का मानना है कि ये वेरिएंट दूसरे वेरिएंट के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है और यह तेजी से लोगों के बीच फैलेगा।
म्यूटेट की स्थिति में वायरस
गौरतलब हो कि वायरस हमेशा अपना रूप बदलते रहते हैं और वह हमेशा म्यूटेट की स्थिति में रहते हैं। कई बार वेरिएंट खुद ही म्यूट होने के बाद मर जाते हैं लेकिन कभी-कभी वायरस पहले से कई गुना ज्यादा मजबूत और खतरनाक हो जाते हैं। वहीं इनकी संक्रमण क्षमता बढ़ जाती है। वैज्ञानिकों ने वायरस के ऊपर एक बार फिर से रिसर्च शुरू किया है। वही लोगों को सख्त सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है।
दूसरी तरफ अमेरिकी (america) अधिकारी का मानना है कि फिलहाल चिंता का कोई कारण नहीं है। हालांकि उन्होंने भी सावधानी पर जोर देने की बात कही है। जबकि जर्मनी (germany) और दक्षिण अफ्रीका (south africa) ब्रिटेन के साथ अपनी उड़ानों पर रोक लगाने का विचार कर रही है। वहीं बेल्जियम (Belgium) और नीदरलैंड (Netherlands) जैसे देशों ने ब्रिटेन से ट्रेन और हवाई सेवा बंद कर दी है। कई देशों ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन का निर्माण किया है। अब वायरस के इस नए वेरिएंट के मिलने के बाद इलेक्शन कितनी ज्यादा सक्षम होगी और किस तरह वायरस का मुकाबला करेगी इस पर वैज्ञानिकों की शोध जारी है।