इंदौर।आकाश धोलपुरे।
मध्यप्रदेश में उपचुनाव की राजनीति के एपी सेंटर बन चुके सांवेर को लेकर इंदौर सियासत गरमाई हुई है। दरअसल, इस विधानसभा क्षेत्र में मंत्री तुलसी सिलावट का खासा प्रभाव है जिसे धीरे धीरे कम करने के लिए कांग्रेस फिलहाल सीधे वार नही कर रही है बल्कि कांग्रेस में रह चुके प्रेमचंद गुड्डू के बयानों से माहौल गरमाया हुआ है। बता दे कि अंदर की राजनीति तो बाहर नही आई है लेकिन जो सामने दिख रहा है उससे ये साफ है कि प्रेमचंद गुड्डू किसी भी हालत में सांवेर विधानसभा क्षेत्र से मंत्री तुलसी सिलावट को फिर से विधायक बनता नही देखना चाह रहे है ये ही वजह है कि आज उन्होंने खुद को बीजेपी से अलग होने की बात एक प्रेस नोट के जरिये बताई और मंत्री सिलावट सहित सिंधिया पर जमकर हमला बोला है।
जब ये बाते मंत्री तुलसी सिलावट के सामने आई तो उन्होंने स्पष्ट कहा दिया कि वो जानते नही है कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। मीडिया से बातचीत में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि प्रेमचंद गुड्डू किधर है और किस विचारधारा से है और किस आधार पर चुनौती दे रहे है किस पार्टी में है पहले ये तो तय कर ले उसके बाद मुझसे बात करे। मंत्री सिलावट ने ये भी साफ कर दिया मुझसे जो जिस भाषा मे बात करेगा उसको उसी भाषा मे जबाव भी मिलेगा। वही मंत्री तुलसी सिलावट ने रामलाल मालवीय से हार की याद दिलाई और बताया कि जब वो पार्टी बदल रहे तो उज्जैन में उनका विरोध हुआ था।
मंत्री सिलावट ने सांवेर उपचुनाव को लेकर कहा कि पीएम मोदी,गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश के सीएम , प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी के योद्धाओं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। वही उन्होंने चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि चुनाव यदि बीजेपी मुझे लड़ाती है तो मैं लडूंगा। मेरी लड़ाई कांग्रेस के उम्मीदवार से है ना कि किसी व्यक्ति से नही हमारे यहां पूरी बीजेपी चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि अगर तत्कालीन कांग्रेस सरकार वचन पत्र पूरा नही करती है तो वो किसानों के कर्ज माफी और युवाओ को रोजगार देने, दलित, आदिवासियों और महिलाओं की रक्षा के लिये सड़क पर उतरेंगे तब पूर्व सीएम से पूछा गया था कि सिंधिया जी सड़क पर उतरेंगे तो उन्होंने कहा था कि उतर जाए और सिंधिया जी मे वो ताकत है कि उन्होंने पूरी कांग्रेस सरकार को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया और मध्यप्रदेश के इतिहास में एक नया इतिहास रच दिया। क्योंकि देश व प्रदेश के इतिहास में कोई भी व्यक्ति विधायक पड़ नही छोड़ता, कैबिनेट से 6 मंत्रियों ने इस्तीफे दिए और किसानो, गरीबो, दलितों, युवाओ, माँ और बेटियों के लिए कांग्रेस छोड़ी।
इधर, प्रेमचंद गुड्डू द्वारा कोरोना काल में महामारी के दौरान नदारद रहने के लगाये गए आरोप पर मंत्री सिलावट ने जबाव दिया कि 5 मार्च को बतौर स्वास्थ्य मंत्री मैंने कोरोना वायरस के संबंध में बैठक ली थी वही 6 मार्च को कैबिनेट की बैठक में शामिल था और 9 मार्च को जब मैंने इस्तीफा दिया तब तक प्रदेश में कोरोना का एक भी पॉजिटिव मरीज था और 10 तारीख को इस्तीफा स्वीकार किया गया। उन्होंने ये भी दावा किया कि देश मे जब कोरोना की आहट हुई थी उस समय सबसे पहले मध्यप्रदेश में मेरे नेतृत्व में तैयारी हुई थी।
वही राशन सामग्री के वितरण में बीजेपी के उल्लेख के आरोपो पर गुस्साए मंत्री सिलावट ने कहा कि गरीबो, दलितों, मजदूरों को राशन बाटूंगा या नही ये उनसे पूछुंगा क्या अगर उन्हें बांटना है तो वो भी बांटे। वही उन्होंने ये साफ किया तुलसी सिलावट मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री और सरकार के अंग है वही प्रदेश व देश मे सरकार बीजेपी की है ये संज्ञान में न हो तो आरोप लगाने वाले इस बात को संज्ञान में लाये।