भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में सहकारी समितियों के कर्मचारियों (Employees of cooperative societies) के हड़ताल पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। जबकि कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं कर्मचारियों का कहना है मांग को नहीं माना गया तो 18 फरवरी को राजधानी में बड़ा प्रदर्शन करेंगे। जबकि सहकारिता विभाग द्वारा वेतन पुनरीक्षण के लिए समिति बनाने की कार्यवाही शुरू की जा चुकी है।
इसी मुद्दे पर सहकारिता मंत्री अरविन्द भदौरिया ने कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान संगठन अध्यक्ष बीएस चौहान ने कहा कि संगठन अपनी मांग पर कायम है। हालांकि वेतन पुनरीक्षण के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी। जिस पर दो महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपनी है।
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दूसरी तरफ सहकारी समिति के कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन करने का सीधा सीधा असर राशन दुकान के खाद्यान्न वितरण पर पड़ रहा है। जिसके बाद गृह विभाग द्वारा सरकारी कर्मचारियों पर एस्मा लगाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके साथ ही हड़ताल को अवैध घोषित करने की अधिसूचना भी जल्द जारी की जा सकती है।
गौरतलब है कि पटवारी संघ ने राशन दुकान के संचालन के काम से इनकार किया है। जिसपर बोलते हुए सहकारिता आयुक्त ने बताया कि काम पर नहीं लौटने वाले 14000 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्तगी के नोटिस जिला स्तर पर दे दिए गए हैं। अगर तय समय सीमा के अंदर कर्मचारी काम पर नहीं लौटते हैं। इसका सीधा-सीधा खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना होगा। कर्मचारियों के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।