दबंगों ने की मजदूरों की बेरहमी से पिटाई, वीडियो वायरल, पुलिस ने मुख्य आरोपी पर दर्ज किया प्रकरण

Gaurav Sharma
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। वायरल वीडियो में बड़ी बेशर्मी के साथ दबंग, मजदूरो की पिटाई करते नजर आ रहे है। दरअसल, हर किसी का दिल दहलाने वाले ये वीडियो इंदौर के बेटमा थाना क्षेत्रों का है जहां चीख चीखकर माफी मांग रहे मजदूरो की इतनी बेरहमी से पिटाई गई कि मानो वो पाकिस्तान के किसी शहर के नागरिक हो।

सभी को हैरत में डाल देने वाले वीडियो की हकीकत ये है कि, ये वीडियो इंदौर के बेटमा थाना क्षेत्र का है जहां दबंगों के कहर का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें दबंगों ने मजदूरो के साथ जमकर मारपीट की और पीटने वाले आरोपियों ने मजदूरों पर डीजल चोरी का मनगढंत आरोप भी लगाया है। पहले तो दबंगो ने माचल निवासी मजदूरों का अपहरण कर जमकर पीटा, जिसके पीछे की वजह रुतबा और खौफ कायम करना सामने आया है। घटना 3 दिसंबर की दरमियानी रात की बताई जा रही है, जहां के दौलताबाद में पूरे कांड को अंजाम दिया गया है। फिलहाल, इस मामले में बेटमा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज उनकी तलाश शुरू कर दी है।

बता दें कि पूरी घटना इंदौर के समीप बेटमा क्षेत्र की है। जहां डीजल चोरी करने का आरोप लगाते हुए दबंगों द्वारा मजदूरो के साथ मारपीट करने के मामला सामने आया है। मामले को गंभीरता को समझते हुए पुलिस ने 3 लोगों के खिलाफ  प्रकरण दर्ज किया है। वही मुख्य आरोपी पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है। डीआईजी हरिनारायण चारि मिश्र ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है। फिलहाल बेटमा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज उनकी तलाश शुरू कर दी है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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