भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में एक बार फिर से पुरानी पेंशन की बहाली पर चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल कर्मचारियों का कहना है की नई पेंशन प्रणाली में ना ही सेवा में और ना ही सेवा के बाद भविष्य सुरक्षित है। जिसके बाद नई पेंशन प्रणाली की मांग को दरकिनार कर पुरानी पेंशन प्रणाली को लागू करने की मांग के लिए अब प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी एकजुट हो रहे हैं।
दरअसल मध्य प्रदेश में अधिकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के पक्ष में लड़ाई शुरू कर दी है। अधिकारी-कर्मचारियों का कहना है कि नई पेंशन प्रणाली में फायदे कम नुकसान अधिक है। इसमें ना तो वर्तमान सुरक्षित है और ना ही भविष्य सुरक्षित है। जिसको लेकर प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी ने मिलकर अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ बनाया है। इस संघ के अध्यक्ष के पद पर जितेंद्र सिंह की नियुक्ति की गई है। बता दे कि मध्यप्रदेश में अब तक पांच लाख से अधिक कर्मचारी ने पेंशन के दायरे में आ गए हैं। जबकि अधिकारी-कर्मचारी नई पेंशन प्रणाली से खुश नहीं है।वही माना यह भी जा रहा है कि उपचुनाव को देखते हुए एक बार फिर से यह मांग तेज की गई है।
गौरतलब है कि केंद्र द्वारा जनवरी 2004 में पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया गया था। जिसके बाद 2005 के जनवरी में मध्य प्रदेश में भी पुरानी पेंशन योजना को बंद कर पेंशन की नई प्रणाली शुरू की गई थी। मध्यप्रदेश में एक बार फिर से पुरानी पेंशन बहाली की मांग शुरू हो गई है। हालांकि यह पहली बार नहीं है। जब पुरानी पेंशन प्रणाली के समर्थन में इतनी तेज आवाज उठी है। इससे पहले 2018 में भी अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन की मांग की गई थी। तब से लगातार कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन पर चर्चा होती रही है। अब एक बार फिर से उपचुनाव को देखते हुए ये मांग तेज कर दी गई है।