धार, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के धार में मकान की खुदाई के दौरान मजदूरों को मिली करीबन एक करोड़ कीमत की सोने की गिन्नियाँ लगातार चर्चा में है, हालांकि अब यह मजदूर जेल में और गिन्नियाँ पुलिस के पास है, पूरे देश में सुर्खियों में आए इस मामलें के तार राजस्थान से जुड़े है, दरअसल इंदौर आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट के मुताबिक, गिन्नियों का ताल्लुक जयपुर रियासत से है। हालांकि, शुरू में इसके जोधपुर घराने से कनेक्शन की बात आ रही थी, लेकिन जांच के बाद ये साफ हो गया है कि गिन्नियां जयपुर राजघराने की हैं। ये 150 से 200 साल पुरानी और मुगलकालीन हैं। गिन्नियां जयपुर के राजा रामसिंह घराने से जुड़ी हैं। जयपुर घराने में इन गिन्नियों को मोहर नाम दिया गया था। इनका निर्माण वहां ही होता था। इन गिन्नियों पर सवाई जयपुर लिखा जाता था।
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दरअसल धार में रहने मकान मालिक शिवनारायण राठौड़ ने कुछ दिनों पहले अपने पुराने मकान को नया बनवाने के लिए मजदूर लगाए, इसी दौरान जब मजदूर काम कर रहे थे तो खुदाई और तुड़ाई के दौरान मकान के पुराने हिस्से की एक दीवार से सोने की गिन्नियों और जेवरों से भरा मिट्टी का घड़ा और कलश निकला, मजदूरों ने किसी और को बिना बताए आपस में यह गिन्नियाँ और जेवर बाँट लिए लेकिन इनमें से एक मजदूर ने शराब के नशे में गिन्नियाँ मिलने का खुलासा कर दिया जिसके बाद पुलिस ने आठ मजदूरों को गिरफ्तार करते हुए गिन्नियाँ और जेवर बरामद किए। मकान मालिक शिवनारायण राठौड़ बताते हैं कि 70 साल पहले उनके पिता रामचंद्र ने इस मकान को देसाई परिवार से खरीदा था। मकान पुश्तैनी है और 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। देसाई परिवार अब कहां है, नहीं जानते। परिवार धार शहर छोड़कर कहीं चला गया था। 2600 वर्ग फीट (40 बाय 65) के प्लॉट पर मकान दो हिस्सों में बना है। एक हिस्से में परिवार रहता है, दूसरा 18 बाय 60 का हिस्सा जर्जर था। मिट्टी से बनी हुई चौड़ी दीवारें थीं। इसे ही तोड़कर नया बना रहे हैं। पीएम आवास योजना के तहत जनवरी 2022 में राशि स्वीकृत हुई थी। पहली किस्त 1 लाख रुपए की मिली। लेकिन, मां सिद्धीबाई का निधन हो गया। इसीलिए 1 महीने पहले काम शुरू कराया था। अभी दीवार और छज्जा तोड़ा जा चुका है, नींव तोड़ने का काम बाकी है। लेकिन उससे पहले ही इस मकान ने करोड़ों का सोना उगल दिया।
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फिलहाल अब जिस मकान से यह सोना मिला है उसके मालिक को भी इस गड़े खजाने से हिस्सा मिलेगा इसके लिए फिलहाल जानकारों की सलाह ली जाएगी, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया मुताबिक खजाना चाहे जमीन से मिला हो या दीवार में चुना हुआ, मकान मालिक को मिलेगा जरूर। कितना शेयर मिलेगा, ये जिले का कलेक्टर डिसाइड कर सकते हैं। मकान मालिक को खजाने पर दावे के लिए कलेक्टर के पास आवेदन करना होगा। कलेक्टर समिति गठित करता है, ये समिति ही फैसला लेती है कि मकान मालिक को कितना शेयर दिया जाना चाहिए।