बीजेपी नेता का विवादित बयान – हमारे यहां देवता भी पीते थे शराब, मचा हड़कंप

Kashish Trivedi
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बीजेपी नेता

ग्वालियर, डेस्क रिपोर्ट मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में अब शराबबंदी (liqour ban) की मांग तेज हो गई है। शराबबंदी पर विपक्ष के साथ-साथ खुद भाजपा की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती (uma bharti) ने भी बीजेपी (bjp) शासित राज्य में शराबबंदी को बन्द करने की मांग की है। हालांकि मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार के ही प्रदेश उपाध्यक्ष ने शराबबंदी को लेकर एक विवादित बयान दे दिया है। जिससे बवाल की स्थिति मच गई है।

दरअसल बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश कुमार चतुर्वेदी ने कहां है कि हमारे यहां तो देवता भी शराब पीते थे। यह खुद मृत्युंजय में पढ़ा गया है। इतना ही नहीं कार्यक्रम में शामिल होने ग्वालियर पहुंचे प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश सिंह चतुर्वेदी ने कहा कि बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष चतुर्वेदी ने कहा कि हमारे यहां तो ही देवता भी शराब पीते थे। प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि महाभारत के युद्ध की घोषणा के बाद राजाओं ने घोषणा की थी कि आयुध और शराब निर्माता अपना उत्पादन बढ़ाए। हमारे यहां शराब पीना पुरातन काल से चला आ रहा है। वहीं उन्होने कहा हालांकि शराब पीना कोई अच्छी बात नहीं है लेकिन शराब अब अर्थव्यवस्था का अंग बन चुकी है।

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ऐसी स्थिति में पूर्ण शराबबंदी की मांग अर्थव्यवस्था के लिए भी नुकसानदायक है। वहीं उन्होंने कहा कि शराब पिएं लेकिन सीमा में असीमित शराब पीना भी नुकसानदेह है। इसके साथ ही बीजेपी नेता ने कहा कि हमें खुद को अनुशासित बनाना होगा। शराब पीना चाहिए लेकिन एक दायरे में इसका सेवन करना चाहिए।

बता दे कि कुछ दिन पहले ही भाजपा की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती ने मध्यप्रदेश में शराब बंदी की मांग की थी। उन्होंने प्रदेश के सीएम शिवराज के वक्तव्य को अभिनंदन यह बताते हुए कहा था की शराब के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई है। वहीं सड़क दुर्घटनाओं में अधिकतर कारण शराब की वजह से ही होते हैं। शराब मृत्यु का दूत है। ऐसे में थोड़े से राजस्व के लालच के लिए मध्यप्रदेश में शराब का सेवन नहीं होने देना चाहिए। इसके साथ ही भाजपा नेत्री उमा भारती ने अपील की थी कि जहां जहां भाजपा की सरकार है। उन सभी राज्यों में शराब को पूर्ण रुप से बंद कर देना चाहिए। वहीँ शराब बंदी से राजस्व को हुई क्षति को कहीं से भी पूरा किया जाना चाहिए।

एक तरफ जहां प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग हो रही है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेता के इस विवादित बयान के बाद इस पर विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया होती है। वहीं बीजेपी इस बयान का किस तरह से समर्थन करती है। यह देखना दिलचस्प है।


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