भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 28 दिसंबर से मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) का शीतकालीन सत्र (Winter Session) शुरु होने वाला है, लेकिन इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को लेकर सियासत तेज हो गई है। खबर है कि कांग्रेस की तरह बीजेपी भी इस बार दोनों पद अपने पास रखने के मूड में है।यही कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की मंत्रिमंडल विस्तार से ज्यादा अध्यक्ष के चुनाव की ज्यादा प्राथमिकता है।
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) को मंत्रिमंडल विस्तार की जल्दबाजी नहीं है, क्योंकि मंत्री पद के दावेदारों की संख्या बहुत ज्यादा है। ऐसा में माना जा रहा है कि विधानसभा सत्र के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। तीन दिवसीय विधानसभा सत्र 28 दिसंबर से शुरू होगा ।पहले दिन नवनिर्वाचित 28 विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी और 29 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। मुख्यमंत्री की पहली प्राथमिकता विधानसभा अध्यक्ष (Assembly Speaker) व उपाध्यक्ष का चुनाव है। इसके बाद में मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में सोचेंगे। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार दिसंबर में हो जाएगा या नया साल तक जाएगा या आने वाला समय बताएगा।
विधानसभा अध्यक्ष की दौड़ में शामिल ये विधायक
वर्तमान में विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) रामेश्वर शर्मा (Rameshwar Sharma) हैं। दलीय स्थिति के हिसाब से भाजपा का अध्यक्ष बनना तय है। भाजपा से वरिष्ठ विधायक केदार शुक्ला, गिरीष गौतम और नागेंद्र सिंह, मंदसौर से वरिष्ठ विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया का नाम चर्चा में है। वही उपाध्यक्ष को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है, क्योंकि कांग्रेस के समय सहमति नहीं बनने के कारण दोनों पद के लिए चुनाव हुए थे। विधायकों की संख्या अधिक होने की वजह से दोनों पद कांग्रेस के खाते में आए थे। यदि मतदान की नौबत आती है तो इस बार दोनों पद भाजपा के हिस्से में आ सकते हैं।
17 साल बाद मजबूत विपक्ष, हंगामे के आसार
15 साल बाद वनवास काट सत्ता में लौटी कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Sarkar) भले ही 15 महिनों में बाहर हो गई हो लेकिन 17 साल बाद कांग्रेस (Congress) 96 विधायकों के साथ मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने में रहेगी और सत्ता पक्ष को किसान, कर्मचारी, युवाओं समेत कई मुद्दों पर घेरेगी। कांग्रेस विधानसभा के अंदर और बाहर जनता के मुद्दों को जोर-शोर से उठाएगी, ऐसे में सत्ता पक्ष भी कई मुद्दों पर घेरता और घिरता नजर आएगा।
3 दिवसीय सत्र में कई विधेयकों पर होगी चर्चा
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) का शीतकालीन सत्र (Winter Session) 28 दिसंबर (December) से शुरू होगा। उपचुनाव (By-election) के बाद यह पहला सत्र होगा। 28 से 30 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में विधानसभा का नया अध्यक्ष (Assembly Speaker ) चुना जाएगा और नवनिर्वाचित विधायकों को भी शपथ दिलाई जाएगी।इसके अलावा लव जिहाद को लेकर लाए जा रहे नए धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 (Freedom of Religion Act 2020 including) समेत कई विधेयकों पर चर्चा की जाएगी।मप्र विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र 28,29 और 30 दिसंबर को होगा। इसमें अनुपूरक बजट को मंजूरी के अलावा जनहित के मुद्दों और विधेयकों पर भी चर्चा होगी।सत्र में वित्त विभाग, सरकार के बजट का अनुपूरक अनुमान सदन में पेश कर सकता है।इससे पहले 21 सितंबर को 1 दिन का विधानसभा सत्र आयोजित किया गया था। जिसमें सरकार ने अनुसूचित जनजाति ऋण मुक्ति विधेयक, मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक सहित, मध्य प्रदेश साहूकार संशोधन विधेयक पारित कराया था।
नए साल में हो सकता है विस्तार
शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार (Shivraj cabinet expansion) नए साल (New Year) में होने की संभावना है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 4 जनवरी (January) 2021 से 14 जनवरी 2021 के बीच मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार की स्थिति केवल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही बता सकते है क्यों कि मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है।यह बात सोमवार को भोपाल पहुंचे राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) भी अपने बयान में कह चुके है।हालांकि सियासी गलियारों में अटकलें है कि गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) और तुलसी राम सिलावट (Tulsi Ram Silvat) को पहले मंत्रीपद की शपथ दिलाई जा सकती है।