नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारत में आज पर्यावरण व ईंधन की बढ़ती कीमत अपने आप में एक बड़ी समस्या हैं, क्योंकि विश्व में भारत का कार बाजार में पाचंवा स्थान हैं, आज सरकारों के लिए इन समस्या से निपटने के लिए ऑटोमोबाइल सेक्टर में इलेक्ट्रिक व्हीकल का ऑप्शन आगे निकल कर आ रहा हैं, और देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें हर संभव प्रयास कर कर रही है।
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हम आपको बता दें कि ईवी वाहन एक ऐसा वाहन है, जो बैटरी में ऊर्जा को संग्रहित करके एक या एक से अधिक इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित होकर चलती है। यह कारें और वाहनों की अपेक्षा काफी शांत होती है, अर्थात इन्हें चलानें के लिए किसी प्रकार के ईंधन (पेट्रोल, डीजल) की आवश्यकता नहीं होती है। इसकी खास बात यह हैं कि यह पेट्रोल, डीजल से चलनें वाले वाहनों की अपेक्षा प्रदूषण बहुत कम करते है। भविष्य में इनका लाभ बहुत अच्छा खासा मिलेगा, क्योंकि आज हम ईंधन के लिए दूसरे देशों पर निर्भर हैं, फिर हमारी निर्भरता कम हो जाएगी। और देश की अर्थव्यस्था को मजबूत बनानें में काफी बल मिलेगा।
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दरअसल, निजी उपयोग के लिए कारों को भारतीय कर कानूनों के तहत लक्जरी उत्पाद में रखा गया है, जिसके कारण मध्यम वर्गीय परिवार के वेतनभोगी पेशेवरों को ऑटो ऋण पर कोई कर छूट नहीं मिलती है। इसलिए केंद्र सरकार भारत में इको-फ्रेंडली वाहनों को अपनाने हेतु उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने एक नया खंड बनाया जो इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों को करों का भुगतान करने से छूट देता है। वैसे देश में इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल की कोई कमी नहीं है, वर्तमान में बढ़ती बिक्री के साथ, अलग- अलग निर्माता कंपनी आने वाले वर्षों में नए मॉडल पेश करने की योजना बना रही हैं।
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अगर आप इलेक्ट्रिक वाहन खरदीते समय लोन का विकल्प लेते हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है, जब आप उसका भुगतान करने जा रहे है तब आप धारा 80EEB के तहत 1,50,000 रुपये तक की कुल कर में छूट ले सकते है। यह टैक्स चार पहिया और दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने, दोनों के लिए लागू है।
पात्रता मापदंड – इस ऋण का लाभ केवल व्यक्ति ही उठा सकता हैं, कोई अन्य करदाता इस कटौती के लिए मान्य नहीं है। जैसे एचयूएफ, एओपी, पार्टनरशिप फर्म, कंपनी या किसी अन्य प्रकार के करदाता हैं। अत: आप इस प्रावधान के तहत किसी भी लाभ का दावा भी नहीं कर सकते हैं।
धारा 80EEB पर लागू होने वाली शर्तें
>> सरकार द्वारा दी जा रही यह छूट व्यक्ति को एक बार ही मिलेगी, साथ ही उस ही व्यक्ति को लाभ मिलेगा जिसने पहले कभी इलेक्ट्रिक वाहन नहीं खरीदा है, वह धारा 80EEB ऋण कर राहत के लिए पात्र है।
>> यह छूट तभी मिल पायेगी जब आप इलेक्ट्रिक वाहन को किसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) से फाइनेंस कराते हो तभी आपको इसका लाभ मिलेगा।
>>इस छूट का लाभ धारा 80EEB के तहत 1 अप्रैल, 2019 और 31 मार्च, 2023 के बीच लोन लिया हो वहीं इस बचत के लिए पात्र होंगे।
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हाल ही में केंद्र सरकार ने इको-फ्रेंडली वाहनों को अपनाने हेतु जीएसटी में 5% तक कर दिया। बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों के फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग (FAME-II) कार्यक्रम के तहत टू-व्हीलर्स पर सब्सिडी को 50 प्रतिशत, चार-पहिया ईवी हाइब्रिड वाहन पर अधिकतम 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा रही है।
राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद पर दे रही है अलग- अलग प्रोत्साहन और सब्सिडी
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और एसयूवी वाहनों पर महाराष्ट्र 2.5 लाख रुपये व दिल्ली, गुजरात, असम, बिहार और पश्चिम बंगाल 1.5 लाख रुपये और ओडिशा में 1 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा रही है, जबकि मेघालय में 60,000 रुपये की सब्सिडी उपलब्ध है। वहीं इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खरीद के लिए दिल्ली, महाराष्ट्र, मेघालय, गुजरात, असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और ओडिशा में 5,000 रुपये से 30,000 रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध है।
इनमें से अधिकांश राज्य सरकारें, जैसे राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश सभी इलेक्ट्रिक वाहनों को रोड टैक्स में छूट दे रही हैं।