भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नगरीय निकायों चुनाव 2021 (Urban Body Election 2021) के चुनाव पिछले काफी लंबे समय से लंबित है। पिछली परिषदो का कार्यकाल समाप्त हुए काफी समय बीत चुका है और नगर सत्ता इस समय सरकार के अधिकारियों के हाथ में है लेकिन अब 12 मार्च के बाद किसी भी दिन मध्यप्रदेश में आचार संहिता(Code of conduct) लगने की घोषणा हो सकती है और इस बात की पूरी उम्मीद है कि अप्रैल के चौथे सप्ताह तक मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के चुनाव संपन्न हो जाएं।
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इसकी बड़ी वजह अप्रैल के अंतिम सप्ताह से MP Board (Board of Secondary Education) की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं हैं जिसके चलते मध्यप्रदेश में चुनाव कराने वाला एक बड़ा तंत्र यानी शिक्षक (Teacher) भी परीक्षा में व्यस्त रहेगा और जिसके चलते चुनावी अमले की कमी रहेगी। शनिवार को राज्य चुनाव आयोग (State election commission) के आयुक्त बसंत प्रताप सिंह (B.P Singh) ने चुनावी तैयारियों का जायजा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लिया और सभी कलेक्टरों (Collector) से रूबरू हुए ।उन्होंने अमले को तैयार रहने के निर्देश दिये ताकि हर हाल में सुचारू रूप से चुनावी व्यवस्था निष्पक्ष एवं निर्विघ्न संपन्न हो सके।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) 12 मार्च को मध्य प्रदेश के नगरीय निकायों को बड़ी सौगात देने जा रहे हैं जिसमें ऑनलाइन (Online) के माध्यम से प्रदेश भर के शहरों में कई विकास कार्यों को प्रारंभ किया जाएगा। इसे BJP की चुनावी तैयारियों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। हालांकि पहले ही मुख्यमंत्री इस बात की घोषणा कर चुके हैं कि वे प्रदेश के हर शहर को स्मार्ट सिटी (Smart City) बनाने का सपने को मूर्त रूप देने की पूरी कोशिश करेंगे।3 मार्च को निकाय चुनावों के लिए अंतिम मतदाता सूची जारी की गई थी। इससे पहले राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में कहा था कि वह किसी भी समय चुनाव कराने को तैयार है।
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बता दे कि मध्यप्रदेश के 407 नगर निगम और नगर परिषदों साल भर पहले खत्म हो चुका है। सबसे पहले कमलनाथ सरकार ने चुनावों की तारीखें आगे बढ़ाई थीं। इसके बाद शिवराज सरकार मे निकाय चुनाव टलते रहे। बाद मे इसे तीन महीने के लिए और आगे बढ़ाने का फैसला किया गया।