Farmer’s Protest : कृषि बिल समझाने के लिए BJP का नया अभियान, गांव के खेतों में लगाएगी चौपाल

Gaurav Sharma
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पूर्व विधायक

हरदा, डेस्क रिपोर्ट। कृषि कानूनों (Agriculture bill) के खिलाफ (Against) किसान का आंदोलन (Farmers Protest) लगातार उग्र रूप लेता जा रहा है। किसान (Farmers) कृषि कानून के सख्त खिलाफ है और लगातार ही केंद्र सरकार (Central Government) से कानून को वापस लेने की मांग (Demand) कर रही है। वही केंद्र सरकार का दावा है कि यह कानून किसानों के हित (Good) के लिए है> साथ ही सरकार किसानों को आश्वासन (Assurance) दे रही है कि एमएसपी (MSP) किसी भी हाल में नहीं हटाया जाएगा, लेकिन फिर भी किसान किसी भी हाल में आंदोलन (Protest) खत्म करने के लिए तैयार नहीं है, किसान बिल को वापस लेने की मांग की जिद पर अड़ा हुआ है।

वहीं किसानों को कृषि बिल के फायदे समझाने के लिए कुछ दिनों पहले बीजेपी (BJP) ने देश भर में 700 चौपाले और प्रेस वार्ता (Press Confrence) आयोजित करने का ऐलान (Announcement) किया था जिसके तहत किसानों को चौपाल और प्रेस वार्ता के जरिए कृषि बिल के फायदे समझाएं जा रहे हैं। वही कृषि बिल के फायदे समझाने के लिए किसान सम्मेलन के बाद अब बीजेपी (BJP) एक नए अभियान (campaign) की शुरुआत करने जा रहे हैं। इसके तहत मंत्री-विधायक कृषि बिल के फायदे समझाने के लिए खेतों में चौपाले लगाएंगे। इस अभियान का शुभारंभ मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) द्वारा आज हरदा (Harda) में किया गया, जहां उन्होंने कृषि बिल समझाने के लिए किसानों की चौपाल खेत में लगाई।

वही आज हरदा के धुरगाड़ा गांव में लगाई गई चौपाल में कृषि मंत्री  कमल पटेल ने कहा कि किसानों का लाभ बिचौलियों (Mediator) द्वारा खा लिया जाता था। लेकिन इस कानून के तहत किसानों को अपना पूरा हक मिलेगा। कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि यह कानून किसानों के हित में है। इस कानून के जरिए किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। कृषि का एक उन्नत स्वरूप विकसित होगा।

इस कानून की मदद से किसान अपना उद्योग खुद ही चला सकेंगे। कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र सिंह मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इस कानून के तहत ना सिर्फ किसानों की आय बढ़ाएंगे बल्कि सशक्त बनाने में भी अहम भूमिका निभाएंगे। बता दें कि कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) हरदा (harda) के आधा दर्जन गांव में जाकर खेत में चौपाल लगाएंगे। वह कृषि कानूनों (Agriculture Bill) के बारे में किसान को समझाएंगे और बताएंगे कि यह कानून उनके जीवन में किस तरह का सकारात्मक बदलाव (Positive Change) लेकर आएगा।

वहीं कृषि बिल के खिलाफ किसानों का समर्थन कर रही कांग्रेस (Congress) 28 दिसंबर को यानी कि कांग्रेस स्थापना दिवस (Congress Foundation Day) के दिन एक बड़े आंदोलन (Grand Protest) को करने जा रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन विधानसभा को घेरने की तैयारी में जुट गई है। गौरतलब है कि 28 दिसंबर को कांग्रेस स्थापना दिवस के दिन कांग्रेस प्रदेश के सभी किसानों को भोपाल बुला कर आंदोलन करने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस अपना स्थापना दिवस किसानों के नाम समर्पित करना चाह रही है। होने वाले आंदोलन के संबंध में सभी जिला अध्यक्षों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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