भोपाल में लव जिहाद का पहला केस, आशु बनकर असद ने युवती को फंसाया

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लव जिहाद (love jihad) को लेकर लंबे समय से अध्यादेश पास होने का इंतजार किया जा रहा था। जो अब मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में अध्यादेश जारी हो गई है। जिसके बाद राजधानी भोपाल (Bhopal) में पहला लव जिहाद का मामला (Love jihad case) सामने आया है। जिसमें एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है। जी हां यह ‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020’ (Religious Freedom Ordinance -2020) के तहत राजधानी भोपाल (Bhopal) का पहला मामला है, जहां अशोका गार्डन थाने (Ashoka Garden Police Station) में मामला दर्ज कराया गया है। आरोपी युवक ने नाम बदलकर युवती को प्रेम प्रसंग में फंसाया। जिसके बाद धर्म छिपाकर उसके साथ लगातार दुष्कर्म करता रहा, फिर बाद में धर्म उजागर होने पर युवती के ऊपर भी धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने लगा।

हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने कराया मामला दर्ज

इस मामले की जानकारी लगने पर हिंदू संगठन (Hindu organization) के कार्यकर्ताओं ने अशोका गार्डन थाने (Ashoka Garden Police Station) में युवक के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराई है। साथ ही आरोपी युवक के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। बता दें कि यह मामला मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) का दूसरा मामला है, जबकि राजधानी भोपाल का यह पहला मामला है।

धर्म छिपाकर युवती के साथ करता रहा दुष्कर्म

इस संबंध में एएसपी राजेश सिंह भदौरिया (ASP Rajesh Singh Bhadoria) ने कहा कि आरोपी ने पहले तो अपना नाम असद से आशु रखा, फिर एक छात्रा के साथ दोस्ती की। जहां धर्म छिपाकर युवती के साथ कई बार दुष्कर्म (Rape) करता रहा। वहीं राज का खुलासा होने के बाद युवक ने लड़की पर धर्म परिवर्तन का दबाव (Religion change pressure) बनाया। और युवती के साथ मारपीट करने लगा।

धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020′ के तहत मामला दर्ज

युवक द्वारा लगातार परेशान किए जाने पर पीड़ित ने पुलिस में ‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020’ (Religious Freedom Ordinance -2020) के तहत मामला पंजीबद्ध कराया है। जिसके बाद पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक भोपाल के ऐशबाग का निवासी है। जिसके खिलाफ 3/5 धर्म स्वतंत्र कानून की धारा (Section of Religion Independent Law) और 376 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मध्यप्रदेश में बड़वानी से आया था पहला मामला

बता दें कि यह मध्य प्रदेश का दूसरा मामला है। इससे पहले बड़वानी जिले से ‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020’ (Religious Freedom Ordinance -2020) के तहत मामला दर्ज कराया गया था। जिसमें एक 22 वर्षीय युवती ने एक 25 वर्षीय विवाहिता व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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