प्रदेश के इस जिले में लगातार हो रही कौवों की मौत,बर्डफ्लू की आशंका,सैंपल भेजे गए भोपाल 

Gaurav Sharma
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देवास,सोमेश उपाध्याय। देवास जिले के गंधर्वपुरी में लगातार कौवों की मौत हो रही है। जिले में इस तरह से कौवों की मौत होने का कारण फिलहाल तो अज्ञात है, लेकिन जानकार इसे बर्ड फ्लू की शंका बता रहे है। वही पशु चिकित्सकों ने सर्वे किया तो पाया कि किसी अन्य बीमारी के कारण कौवों की मौत हुई है। फिलहाल चिकित्सकों ने मृत कौवों के सेंपल लेकर भोपाल भेजे है।

पिछले कुछ दिनों में अन्य प्रदेशों की तरह मध्यप्रदेश में भी बर्ड फ्लू की बीमारी जिस तरह से फैल रही है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि यह गंभीर समस्या हो सकती है। कौवों के उड़ते उड़ते गिरकर कुछ ही देर में मौत हो जाना कोई गंभीर बीमारी हो सकती है। बर्ड फ्लू की बीमारी ने पूरे प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में हाहाकार मचा रखा है, जिसके चलते अंदेशा लगाया जा रहा है कि सोनकच्छ के गंधर्वपुरी में भी कौवों की बर्ड फ्लू के चलते मौत हुई है। हालांकि जिले में ठंड का प्रकोप भी कम नहीं है, जिसके चलते ठंड से भी कौवों की मौत होना माना जा रहा है। सैम्पल आने तक समस्या को गंभीर मानकर उसे बर्ड फ्लू की आशंका से देखा जा रहा है।

इस संबंध में गांव के कुछ लोगों से चर्चा हुई तो उन्होनें बताया की पिछले आठ दिनों में किसी अज्ञात बीमारी के चपेट में आने से 10 से अधिक कौओं की मौत गांव में और आसपास के इलाकों में हुई है। वहीं बताया गया है की गांव के हर मोहल्ले में एक-दो कौओं को मृत अवस्था में पाया गया था। साथ ही ग्रामीणों का कहना है की अचानक पक्षियों की मौत होने से लोगों में बीमारियां फैलने का भय है। कुछ दिनों से ग्रामीणों के आंगन व बाड़े में भी कौओं का आना लगा रहता है। कौए उड़ नहीं पा रहे हैं और देखते ही देखते कुछ समय बाद उनकी मौत हो रही है।

पशु चिकित्सक डॉ. त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि हमें ऐसी जानकारी मिली थी कि 5 कौवों की वहां एक साथ मौत हुई है। जिसके चलते हमने हमारी टीम को सोनकच्छ के गंधर्वपुरी में भेजा है, जहां उन कौवे के सैंपल लेकर हमने भोपाल पहुंचा दिया है। सैंपल आने के बाद मालूम होगा कि किस तरह की बीमारी है। हालांकि इंदौर व अन्य जिलों में हुई मौतें भी सामान्य मौतें बताई जा रही है। आज भी हमने हमारी टीम को सोनकच्छ भेजा था लेकिन ऐसा वहां कुछ नहीं मिला है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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