गुना।विजय कुमार जोगी।
कोरोना वायरस महामारी के संकट को देखते हुए सोमवार को कैबिनेट मीटिंग में अहम फैसला लिया गया। इसके तहत सांसद निधि को दो साल के लिए टाल दिया गया वही राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल समेत तमाम सांसदों ने भी अपने वेतन का 30 फीसद योगदान देने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद अधिनियम, 1954 के सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दे दी। 1 अप्रैल, 2020 से एक साल के लिए भत्ते और पेंशन को 30 फीसद तक कम किया जाएगा।
कैबिनेट मीटिंग के बाद भारत में महामारी के प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए 2020-21 और 2021-22 के लिए सांसदों को मिलने वाले फंड को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है। 2 साल के लिए 7900 करोड़ रुपये का उपयोग भारत की संचित निधि में किया जाएगा। भाजपा जिला सोशल मीडिया प्रभारी विकास जैन नखराली ने बताया कि गुना शिवपुरी क्षेत्र के सांसद डॉ के पी यादव ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कोरोना वायरस की माहमारी के चलते मंत्रिमंडल द्वारा सांसदों की निधि आगामी दो वर्षो के लिए स्थगित की गई वही सांसदों के वेतन में भी 30 प्रतिशत कटौती का निर्णय देशहित में लिया गया है,मै इसका सच्चे हृदय से स्वागत करता हूॅ।
श्री यादव ने कहा कि विकास कार्य तो निंरतर चलने वाली प्रक्रिया है, लेकिन आज देश पर जो बडी विपदा आई उसका मुकाबला हम सबको मिलकर करना है। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस निर्णय का स्वागत करता हूं। यह निर्णय आगामी दूरदर्शिता एवं देश हित में लिया गया निर्णय है। यह राशि इस माहमारी के रोकने के काम आएगी स्वास्थ्य सेवाओं में ली जाएगी।